Shankhadhvani
दुनिया में हूं दुनिया का तलबगार नहीं हूं बाजार में निकला हूं खरीदार नहीं हूं
Monday 28 November 2011
kuchh Muktak
ह्रदय को शांति देता चित्त में बैराग्य लाता है /
तमस में डूबते मन को दिशा दीपक दिखाता है//
करे अंतःकरण पावन यहीं पर मोक्ष का अनुभव/
सदा शुभ संत दर्शन ही हमें हरि से मिलाता है//
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