1. झेलम नदी के किनारे प्रसिद्ध 'वितस्ता का युद्ध' किन-किन शासकों के बीच हुआ था?
चन्द्रगुप्त मौर्य एवं सेल्युकस के मध्य
घननन्द एवं चन्द्रगुप्त मौर्य के मध्य
पोरस एवं सिकन्दर के मध्य
सिकन्दर एवं आम्भि के मध्य
2. निम्न में से किसने शुद्ध सोने के सिक्के जारी किए थे?
गुप्तों ने
हिन्द यवनों ने
कुषाणों ने
शुंगों ने
→ कुषाण भी शकों की ही तरह मध्य एशिया से निकाले जाने पर क़ाबुल-कंधार की ओर यहाँ आ गये थे। उस काल में यहाँ के हिन्दी यूनानियों की शक्ति कम हो गई थी, उन्हें कुषाणों ने सरलता से पराजित कर दिया। उसके बाद उन्होंने क़ाबुल-कंधार पर अपना राज्याधिकार कायम किया। उनके प्रथम राजा का नाम 'कुजुल कडफाइसिस' था। उसने क़ाबुल–कंधार के यवनों (हिन्दी यूनानियों) को हराकर भारत की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर बसे हुए पल्लवों को भी पराजित कर दिया। कुषाणों का शासन पश्चिमी पंजाब तक हो गया था।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:- कुषाण
3. मौर्य काल में निर्मित ‘सुदर्शन झील’ का निर्माण किसने करवाया था?
पुष्पगुप्त
उपगुप्त
तुषाष्क
चन्द्रगुप्त मौर्य
4. गुप्त वंश का संस्थापक कौन था?
घटोत्कचगुप्त
चन्द्रगुप्त प्रथम
श्रीगुप्त
रामगुप्त
→ गुप्त राजा स्वयं बौद्ध नहीं थे, पर क्योंकि बौद्ध तीर्थ स्थानों का दर्शन करने के लिए बहुत से चीनी इस समय भारत में आने लगे थे। अतः महाराज श्रीगुप्त ने उनके आराम के लिए यह महत्त्वपूर्व दान दिया था। दो मुद्राएँ ऐसी मिली हैं, जिनमें से एक पर 'गुतस्य' और दूसरी पर 'श्रीगुप्तस्य' लिखा है। सम्भवतः ये इसी महाराज श्रीगुप्त की हैं। प्रभावती गुप्त के पूना स्थित ताम्रपत्र अभिलेख में श्री गुप्त का उल्लेख गुप्त वंश के आदिराज के रूप में किया गया है। लेखों में इसका गोत्र 'धरण' बताया गया है।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-श्रीगुप्त
5. ‘मेहरोली का स्तम्भ लेख’ किस शासक से सम्बन्धित है?
चन्द्रगुप्त द्वितीय
चन्द्रगुप्त मौर्य
अशोक
समुद्रगुप्त
→ चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य (राज 380-413) गुप्त वंश का राजा था। समस्त गुप्त राजाओं में समुद्रगुप्त का पुत्र चन्द्रगुप्त द्वितीय सर्वाधिक शौर्य एवं वीरोचित गुणों से सम्पन्न था। चन्द्रगुप्त द्वितीय (381-413 ई.) का सेनापति आम्रकार्द्दव था। उसे देव, देवगुप्त, देवराज, देवश्री, श्रीविक्रम, विक्रमादित्य, परमाभागवत्, नरेन्द्रचन्द्र, सिंहविक्रम, अजीत विक्रम आदि उपाधि धारण किए थे। अनुश्रूतियों में चन्द्रगुप्त द्वितीय ने अपनी पुत्री प्रभावती का विवाह वाकाटक नरेश रुद्रसेन से किया, रुद्रसेन की मृत्यु के बाद चन्द्रगुप्त ने अप्रत्यक्ष रूप से वाकाटक राज्य को अपने राज्य में मिलाकर उज्जैन को अपनी दूसरी राजधानी बनाया। इसी कारण चन्द्रगुप्त द्वितीय को 'उज्जैनपुरवराधीश्वर' भी कहा जाता है।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-चन्द्रगुप्त द्वितीय
6. किस गुप्तकालीन शासक को ‘कविराज’ कहा गया है?
श्रीगुप्त
चन्द्रगुप्त द्वितीय
समुद्रगुप्त
स्कन्दगुप्त
→ समुद्रगुप्त अनुपम वीर था। उसने शीघ्र ही भाइयों के विद्रोह को शान्त कर दिया था, और पाटलिपुत्र के सिंहासन पर दृढ़ता के साथ अपना अधिकार जमा लिया। काच ने एक साल के लगभग तक राज्य किया। काच नामक गुप्त राजा की सत्ता को मानने का आधार केवल वे सिक्के हैं, जिन पर उसका नाम 'सर्वराजोच्छेता' विशेषण के साथ दिया गया है। अनेक विद्वानों का मत है, कि काच समुद्रगुप्त का ही नाम था। ये सिक्के उसी के हैं, और बाद में दिग्विजय करके जब वह 'आसमुद्रक्षितीश' बन गया था, तब उसने काच के स्थान पर समुद्रगुप्त नाम धारण कर लिया था।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-समुद्रगुप्त
7. ‘दीवानी’ एवं ‘फ़ौजदारी’ से सम्बन्धित ग्रन्थ की रचना सर्वप्रथम कब हुई थी?
मौर्य काल में
कुषाण काल में
गुप्त काल में
गुप्तोत्तर काल में
→ गुप्त साम्राज्य का उदय तीसरी सदी के अन्त में प्रयाग के निकट कौशाम्बी में हुआ। गुप्त कुषाणों के सामन्त थे। इस वंश का आरंभिक राज्य उत्तर प्रदेश और बिहार में था। लगता है कि गुप्त शासकों के लिए बिहार की उपेक्षा उत्तर प्रदेश अधिक महत्त्व वाला प्रान्त था, क्योंकि आरम्भिक अभिलेख मुख्यतः इसी राज्य में पाए गए हैं। यही से गुप्त शासक कार्य संचालन करते रहे। और अनेक दिशाओं में बढ़ते गए।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-गुप्त साम्राज्य
8. श्रीलंका के राजा 'मेघवर्मन' ने किस स्थान पर भगवान बुद्ध का मन्दिर बनवाने के लिए समुद्रगुप्त से अनुमति माँगी थी?
प्रयाग
बोधगया
कुशीनगर
अमरावती
→ बोधगया में बराबर की पहाडि़यों में सात गुफाएं हैं, जिनमें तीन को अशोक ने आजीविकों को दान कर दिया था। श्रीलंका के शासक मेघवर्मन ने समुद्रगुप्त की अनुमति से बोधगया में एक बौद्ध-विहार बनवाया था। बराबर की पहाड़ी से प्राप्त एक अभिलेख में मौखरि शासक अनन्तवर्मन का वर्णन है। बोधगया के ताराडीह में पाल कालीन अवशेष प्राप्त हैं। गया के समीप सोनपुर से कुषाणों के अवशेष मिले हैं। गया की यात्रा चीनी यात्रियों फ़ाह्यान तथा ह्वेनसांग ने की थी।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-बोधगया
9. चन्द्रगुप्त द्वितीय ने कब ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि धारण की थी?
शकों का उन्मूलन करने पर
गुप्त सिंहासन पर बैठने के बाद
चाँदी के सिक्के जारी करने के बाद
उपर्युक्त सभी
→ शक सम्भवतः उत्तरी चीन तथा यूरोप के मध्य स्थित विदेश झींगझियांग प्रदेश के निवासी थे। कुषाणों एवं शकों का क़बीला एक ही माना गया था। लगभग ई. पू. 100 में विदेशी शासकों की शक्ति बढ़ने लगी। मथुरा में इनका केन्द्र बना। यहाँ के राजा 'शक क्षत्रप' के नाम से जाने जाते हैं। ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-शक
10. गुप्त कालीन सोने की मुद्रा को क्या कहा जाता था?
दीनार
कर्षापण
निष्क
काकिनी
11. गुप्त काल के जनपदों की सूची में प्रथम जनपद का सम्मान निम्न में से किसे दिया गया-
मालवा
मगध
प्रयाग
उपर्युक्त में से कोई नहीं
→ प्रयाग शब्द की व्युत्पत्ति वनपर्व यज धातु से मानी गयी है। उसके अनुसार सर्वात्मा ब्रह्मा ने सर्वप्रथम यहाँ यजन किया था (आहुति दी थी) इसलिए इसका नाम प्रयाग पड़ गया। पुराणों में प्रयागमण्डल, प्रयाग और वेणी अथवा त्रिवेणी की विविध व्याख्याएँ की गयी है। मत्स्य पुराण तथा पद्मपुराण के अनुसार प्रयागमण्डल पाँच योजन की परिधि में विस्तृत है और उसमें प्रविष्ट होने पर एक-एक पद पर अश्वमेध यज्ञ का पुण्य मिलता है। प्रयाग की सीमा प्रतिष्ठान (झूँसी) से वासुकि सेतु तक तथा कंबल और अश्वतर नागों तक स्थित है।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-प्रयाग
12. हरिषेण किस शासक का दरबारी कवि था?
समुद्रगुप्त
अशोक
कनिष्क
चन्द्रगुप्त द्वितीय
→ सम्राट समुद्रगुप्त के वैयक्तिक गुणों और चरित्र के सम्बन्ध में प्रयाग की प्रशस्ति में बड़े सुन्दर संदर्भ पाये जाते हैं। इसे महादण्ड नायक ध्रुवभूति के पुत्र, संधिविग्रहिक महादण्डनायक हरिषेण ने तैयार किया था। हरिषेण के शब्दों में समुद्रगुप्त का चरित्र इस प्रकार का था - 'उसका मन विद्वानों के सत्संग-सुख का व्यसनी था। उसके जीवन में सरस्वती और लक्ष्मी का अविरोध था। वह वैदिक मार्ग का अनुयायी था। उसका काव्य ऐसा था, कि कवियों की बुद्धि विभव का भी उससे विकास होता था। कौन सा ऐसा गुण है, जो उसमें नहीं था। सैकड़ों देशों में विजय प्राप्त करने की उसमें अपूर्व क्षमता थी।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-समुद्रगुप्त
13. सारनाथ के ‘घमेख स्तूप’ का निर्माण किस काल में हुआ था?
मौर्य काल
कुषाण काल
शुंग काल
गुप्त काल
→ गुप्त साम्राज्य का उदय तीसरी सदी के अन्त में प्रयाग के निकट कौशाम्बी में हुआ। गुप्त कुषाणों के सामन्त थे। इस वंश का आरंभिक राज्य उत्तर प्रदेश और बिहार में था। लगता है कि गुप्त शासकों के लिए बिहार की उपेक्षा उत्तर प्रदेश अधिक महत्त्व वाला प्रान्त था, क्योंकि आरम्भिक अभिलेख मुख्यतः इसी राज्य में पाए गए हैं। यही से गुप्त शासक कार्य संचालन करते रहे। और अनेक दिशाओं में बढ़ते गए।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-गुप्त साम्राज्य
14. यूरोपीय भाषा में अनुवादित प्रथम भारतीय ग्रन्थ कौन-सा है?
श्रीमद्भागवदगीता
अभिज्ञानशाकुन्तलम
कुमारसम्भव
कामसूत्र
15. सती प्रथा का प्रथम उल्लेख कहाँ से मिलता है?
भीतरगाँव लेख से
विलसद स्तम्भलेख से
एरण अभिलेख से
भितरी स्तम्भलेख से
→ एरण गुप्तकाल में एक महत्त्वपूर्ण नगर था। यहाँ से गुप्तकाल के अनेक अभिलेख प्राप्त हुये हैं। गुप्त सम्राट समुद्रगुप्त के एक शिलालेख में एरण को 'एरकिण' कहा गया है। इस अभिलेख को कनिंघम ने खोजा था। यह वर्तमान में कोलकाता संग्रहालय में सुरक्षित है। ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-एरण
1. ऋग्वैदिक काल में विनिमय के माध्यम के रूप में किसका प्रयोग किया जाता था?
अनाज
मुद्रा
गाय
दास
2. ऋग्वैदिक युगीन नदी 'परुष्णी' का महत्त्व क्यों है?
सर्वाधिक पवित्र नदी होने के कारण
ऋग्वेद में सबसे अधिक बार उल्लेख होने के कारण
दाशराज्ञ युद्ध के कारण
उपर्युक्त सभी
3. ऋग्वेद में निम्न में से किसका उल्लेख नहीं मिलता है?
कृषि
यव
ब्रीहि
कपास
4. ऋग्वेद के दसवें मण्डल में किसका उल्लेख पहली बार मिलता है?
योद्धा
पुरोहित
शूद्र
चाण्डाल
5. ऋग्वेद में उल्लिखित कुल क़रीब 25 नदियों में से सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण नदी कौन-सी थी?
गंगा नदी
यमुना नदी
सरस्वती नदी
सिन्धु नदी
6. ऋग्वेद में 'जन' और 'विश' का उल्लेख क्रमश: कितनी बार हुआ है?
250,175
275,175
200,150
275,170
7. ऋग्वैदिक युग की सर्वाधिक प्राचीन संस्था कौन-सी थी?
सभा
समिति
विद्थ
परिषद
8. 'आर्य' शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या है?
वीर
श्रेष्ठ या कुलीन
विद्वान
यज्ञकर्ता
9. बोधगया में स्थित वह बोधिवृक्ष, जिसके नीचे बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था, किस शासक के द्वारा कटवा दिया गया?
पुष्यमित्र शुंग
हूण राजा मिहिरकुल
गौड़ के राजा शशांक
महमूद गज़नवी
10. भारत में पूजित पहली मानव प्रतिमा कौन-सी थी?
भगवान बुद्ध
इन्द्र भगवान
महावीर स्वामी
वासुदेव कृष्ण
11. उत्तरवैदिक काल के महत्त्वपूर्ण देवता कौन थे?
रुद्र
विष्णु
प्रजापति
पूषन
12. भारत का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य 'सत्यमेव जयते' कहाँ से उद्धृत है?
मुण्डकोपनिषद से
कठोपनिषद से
छान्दोग्य उपनिषद से
उपर्युक्त में से कोई नहीं
13. उत्तर वैदिककालीन ग्रंथों की रचना लगभग 1000 ई. पू. 600 ई. पू. के मध्य किन स्थानों पर की गई?
सैन्धव घाटी के मैदान में
आर्यावर्त के मैदान में
गंगा के उत्तरी मैदान में
मध्य एशिया के मैदान में
14. 'सभा और समिति प्रजापति की दो पुत्रियाँ थीं' का उल्लेख किस ग्रंथ में मिलता है?
ऋग्वेद में
अथर्ववेद में
यजुर्वेद में
सामवेद में
15. उत्तर वैदिककालीन ग्रंथों में किस आश्रम का उल्लेख नहीं मिलता?
सन्यास
ब्रह्मचर्य
गृहस्थ
वानप्रस्थ
1. 'गायत्री मंत्र' किस वेद से लिया गया है?
ऋग्वेद
सामवेद
यजुर्वेद
अथर्ववेद
2. वेदों को 'अपौरुषेय' क्यों कहा जाता है?
क्योंकि वेदों की रचना देवताओं द्वारा की गई है
क्योंकि वेदों की रचना पुरुषों द्वारा की गई है
क्योंकि वेदों की रचना ऋषियों द्वारा की गई है
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3. राष्ट्र एवं राजा शब्द का उल्लेख सर्वप्रथम कब हुआ?
सैन्धव काल में
ऋग्वैदिक काल में
उत्तरवैदिक काल में
महाकाव्य में
4. आर्यों के मूल निवास स्थान के बारे में सर्वाधिक मान्य मत कौन-सा है?
दक्षिणी रूस
मध्य एशिया में बैक्ट्रिया
भारत में सप्तसैन्धव प्रदेश
मध्य एशिया का पामीर क्षेत्र
5. भागवत धर्म का प्रधान ग्रंथ निम्न में से कौन-सा था?
श्रीमदभागवदगीता
रामायण
महाभारत
उपर्युक्त सभी
6. जैन मत का सर्वाधिक प्रचार-प्रसार किस समुदाय में हुआ?
शासक वर्ग
किसान वर्ग
व्यापारी वर्ग
शिल्पी वर्ग
7. जैन धर्म 'श्वेताम्बर' एवं 'दिगम्बर' सम्प्रदायों में कब विभाजित हुआ?
चन्द्रगुप्त मौर्य के समय में
अशोक के समय में
कनिष्क के समय में
उपर्युक्त में से कोई नहीं
→ चंद्रगुप्त धर्म में भी रुचि रखता था। यूनानी लेखकों के अनुसार जिन चार अवसरों पर राजा महल से बाहर जाता था, उनमें एक था यज्ञ करना। कौटिल्य उसका पुरोहित तथा मुख्यमंत्री था। हेमचंद्र ने भी लिखा है कि वह ब्राह्मणों का आदर करता है। मेगस्थनीज़ ने लिखा है कि चंद्रगुप्त वन में रहने वाले तपस्वियों से परामर्श करता था और उन्हें देवताओं की पूजा के लिए नियुक्त करता था। वर्ष में एक बार विद्वानों (ब्राह्मणों) की सभा बुलाई जाती थी, ताकि वे जनहित के लिए उचित परामर्श दे सकें। दार्शनिकों से सम्पर्क रखना चंद्रगुप्त की जिज्ञासु प्रवृत्ति का सूचक है। जैन अनुयायियों के अनुसार जीवन के अन्तिम चरण में चंद्रगुप्त ने जैन धर्म स्वीकार कर लिया। कहा जाता है कि जब मगध में 12 वर्ष का दुर्भिक्ष पड़ा तो चंद्रगुप्त राज्य त्यागकर जैन आचार्य भद्रबाहु के साथ श्रवण बेल्गोला (मैसूर के निकट) चला गया और एक सच्चे जैन भिक्षु की भाँति उसने निराहार समाधिस्थ होकर प्राणत्याग किया (अर्थात केवल्य प्राप्त किया)। 900 ई. के बाद के अनेक अभिलेख भद्रबाहु और चंद्रगुप्त का एक साथ उल्लेख करते हैं।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:- चन्द्रगुप्त मौर्य
8. जैन धर्म के विषय में कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
जैन धर्म में देवताओं का अस्तित्व स्वीकार किया गया है
वर्ण व्यवस्था की निन्दा की गई है
पूर्व जन्म में अर्जित पुण्य और पाप के आधार पर मनुष्य का जन्म उच्च या निम्न कुल में होता है
जैन धर्म ने अपने को स्पष्टत: ब्राह्मण धर्म से अलग नहीं किया है
9. भारतीय असंतोष के पिता के रूप में बाल गंगाधर तिलक को किसने कहा था?
लॉर्ड कर्ज़न
विंसेंट स्मिथ
वेलेंटाइल शिरॉल
हेनरी कॉटन
→ वेलेंटाइल शिरॉल ने बाल गंगाधर तिलक को 'भारतीय असंतोष का जनक' कहा।
10. सुभाषचन्द्र बोस से पूर्व 'आज़ाद हिन्द फ़ौज़' का कमाण्डर कौन था?
ग्यानी प्रीतम सिंह
कैप्टन मोहन सिंह
मेजर फुजीहारा
कैप्टन सूरज मल
→ आज़ाद हिन्द फ़ौज़ की स्थापना 15 दिसम्बर, 1941 में कैप्टन मोहन सिंह ने की थी। आज़ाद हिन्द फ़ौज़ का नेतृत्व सुभाषचन्द्र बोस को 21 अक्टूबर, 1943 को सौंपा गया।
11. ऋग्वेद में 'निष्क' शब्द का प्रयोग किसी आभूषण के लिए किया गया है, वह आभूषण है?
कान का बुन्दा
माथे का टीका
गले का हार
हाथ का कंगन
12. अथर्ववेद में किन दो संस्थाओं को प्रजापति की दो पुत्रियाँ कहा गया है?
पंचायत एवं ग्राम सभा
समिति एवं विरथ
सभा एवं समिति
सभा एवं विश
13. विशाखादत्त के मुद्राराक्षस में वर्णित नाम चन्द्रसिरी (चन्द्र श्री) के रूप में किस राजा की पहचान की गई है?
अशोक महान
चन्द्रगुप्त
बिन्दुसार
इनमें से कोई नहीं
14. निम्नलिखित में से कौन-सा प्रांत मौर्य साम्राज्य से बाहर था?
कलिंग
सौराष्ट्र
कश्मीर
असम
15. 'अवतारवाद' का प्रथम उल्लेख निम्न में से कहाँ मिलता है?
महाभारत
रामायण
भगवदगीता
विष्णु पुराण
1. तमिल राष्ट्र में दुर्गा का तादात्म्य तमिल देवी 'कोरवई' से किया गया है, वे किस तत्त्व की तमिल देवी थीं?
मातृत्व
प्रकृति और उर्वरकता
पृथ्वी
युद्ध और विजय
2. वह प्रथम भारतीय शासक जिसने रोमन मुद्रा प्रणाली के अनुरूप अपने सिक्कों का प्रसारण किया। उसका सम्बन्ध किस साम्राज्य से था?
शुंग
हिन्द-यूनानी
गुप्त वंशीय
कुषाण
→ युइशि लोगों के पाँच राज्यों में अन्यतम कुएई-शुआंगा था। 25 ई. पू. के लगभग इस राज्य का स्वामी कुषाण नाम का वीर पुरुष हुआ, जिसके शासन में इस राज्य की बहुत उन्नति हुई। उसने धीरे-धीरे अन्य युइशि राज्यों को जीतकर अपने अधीन कर लिया। वह केवल युइशि राज्यों को जीतकर ही संतुष्ट नहीं हुआ, अपितु उसने समीप के पार्थियन और शक राज्यों पर भी आक्रमण किए। अनेक ऐतिहासिकों का मत है, कि कुषाण किसी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं था। यह नाम युइशि जाति की उस शाखा का था, जिसने अन्य चारों युइशि राज्यों को जीतकर अपने अधीन कर लिया था। जिस राजा ने पाँचों युइशि राज्यों को मिलाकर अपनी शक्ति का उत्कर्ष किया, उसका अपना नाम कुजुल कदफ़ियस था। पर्याप्त प्रमाण के अभाव में यह निश्चित कर सकना कठिन है कि जिस युइशि वीर ने अपनी जाति के विविध राज्यों को जीतकर एक सूत्र में संगठित किया, उसका वैयक्तिक नाम कुषाण था या कुजुल था। यह असंदिग्ध है, कि बाद के युइशि राजा भी कुषाण वंशी थे। राजा कुषाण के वंशज होने के कारण वे कुषाण कहलाए, या युइशि जाति की कुषाण शाखा में उत्पन्न होने के कारण—यह निश्चित न होने पर भी इसमें सन्देह नहीं कि ये राजा कुषाण कहलाते थे और इन्हीं के द्वारा स्थापित साम्राज्य को कुषाण साम्राज्य कहा जाता है।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:- कुषाण
3. हैदराबाद नगर की स्थापना की थी?
इब्राहीम क़ुतुबशाह ने
मुहम्मद कुली क़ुतुबशाह ने
मुहम्मद क़ुतुबशाह
जमशिद क़ुतुबशाह
4. बहमनी साम्राज्य के प्रान्तों को क्या कहा जाता था?
तराफ़ या अतराफ़
सूबा
सूबा-ए-लश्कर
महामण्डल
5. औरंगज़ेब के शासनकाल में जाट विद्रोह का नेता कौन था?
तिलपत का ज़मींदार गोकुल सिंह
चम्पतराय
राजाराम
चूड़ामन
6. जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ द्वारा प्रतिपादित चार महाव्रतों में महावीर स्वामी ने पाँचवें व्रत के रूप में क्या जोड़ा?
अहिंसा
अत्तेय
अपरिग्रह
ब्रह्मचर्य
7. ऋग्वैदिक आर्यों की भाषा क्या थी?
द्रविड़ भाषा
प्राकृत भाषा
संस्कृत भाषा
पालि भाषा
→ संस्कृत भारत की एक शास्त्रीय भाषा है। यह दुनिया की सबसे पुरानी उल्लिखित भाषाओं में से एक है। संस्कृत का अर्थ है, संस्कार की हुई भाषा। इसकी गणना संसार की प्राचीनतम ज्ञात भाषाओं में होती है। संस्कृत को देववाणी भी कहते हैं। संस्कृत हिन्दी-यूरोपीय भाषा परिवार की मुख्य शाखा हिन्दी-ईरानी भाषा की हिन्दी-आर्य उपशाखा की मुख्य भाषा है। आधुनिक भारतीय भाषाएँ हिन्दी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, बंगला, उड़िया, नेपाली, कश्मीरी, उर्दू आदि सभी भाषाएं इसी से उत्पन्न हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। हिन्दू धर्म के लगभग सभी धर्मग्रन्थ संस्कृत भाषा में ही लिखे हुए हैं। आज भी हिन्दू धर्म के यज्ञ और पूजा संस्कृत भाषा में ही होते हैं।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:- संस्कृत भाषा
8. ऋग्वैदिक काल में समाज का स्वरूप किस प्रकार का था?
पितृसत्तात्मक
मातृसत्तात्मक
1 एवं 2 दोनों
केवल 1
9. बुद्ध को किस नदी के तट पर ज्ञान प्राप्त हुआ?
निरंजना
ऋजुपालिका
गंगा
यमुना
10. पूर्णिमा की रात के बारे में कौन-सा कथन महात्मा बुद्ध के लिए महत्त्वपूर्ण है?
पूर्णिमा को ही बुद्ध का जन्म हुआ
पूर्णिमा को बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया
पूर्णिमा की ही रात को बुद्ध ने गृह-त्याग किया
पूर्णिमा को ही बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ।
11. महात्मा बुद्ध के विषय में निम्न में से क्या असत्य है?
अनीश्वरवादी थे
अनात्मवादी थे
पुनर्जन्म में विश्वास नहीं करते थे
यज्ञीय कर्म काण्ड एवं पशुबलि के विरोधी थे
12. किस बौद्ध ग्रंथ में सर्वप्रथम संस्कृत का प्रयोग हुआ?
सुत्तपिटक
विनयपिटक
अभिधम्मपिटक
महावस्तु
13. बुद्ध ने सर्वाधिक उपदेश कहाँ पर दिये?
वैशाली
श्रावस्ती
चम्पा
राजगृह
→ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा-बहराइच ज़िलों की सीमा पर यह बौद्ध तीर्थ स्थान है। गोंडा-बलरामपुर से 12 मील पश्चिम में आधुनिक सहेत-महेत गाँव ही श्रावस्ती है। पहले यह कौशल देश की दूसरी राजधानी थी, भगवान राम के पुत्र लव ने इसे अपनी राजधानी बनाया था, श्रावस्ती बौद्ध जैन दोनों का तीर्थ स्थान है, तथागत श्रावस्ती में रहे थे, यहाँ के श्रेष्ठी अनाथपिण्डिक ने भगवान बुद्ध के लिये जेतवन बिहार बनवाया था, आजकल यहाँ बौद्ध धर्मशाला, मठ और मन्दिर है। ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:- श्रावस्ती
14. शिव-भक्ति के विषय में प्रारम्भिक जानकारी निम्न में से किसमें मिलती है?
सैन्धव सभ्यता से
वैदिक काल से
संगम काल से
मौर्य काल से
15. राजा राममोहन राय के प्रथम शिष्य, जिन्होंने उनके मरणोपरांत 'ब्रह्म समाज' का नेतृत्व सँभाला था?
द्वारकानाथ टैगोर
रामचन्द्र विद्यावागीश
केशवचन्द्र सेन
देवेन्द्रनाथ टैगोर
1. वह राष्ट्रकूट शासक कौन था, जिसकी तुलना उदार तथा विद्वानों के संरक्षक के रूप में विख्यात राजा विक्रमादित्य से की गई है?
गोविन्द तृतीय
ध्रुव चतुर्थ
कृष्ण तृतीय
अमोघवर्ष
2. भावी बुद्ध की किस रूप में जन्म लेने की कल्पना की गई है?
मैत्रेय
सामन्त भद्र
काश्यप
शाक्य मुनि
3. कृष्ण का प्रारम्भिक नाम 'वासुदेव' किस समय प्रचलन में आया?
पाणिनी काल
महाभारत काल
मौर्यकाल
गुप्त काल
4. 'आना' सिक्के का प्रचलन किस मुग़ल सम्राट ने करवाया?
अकबर
शाहजहाँ
जहाँगीर
औरंगज़ेब
5. वैष्णव मत किन शासकों के संरक्षण में अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँचा?
मौर्य
कुषाण
शुंग
गुप्त
6. जैन परम्परा के अनुसार जैन धर्म में कुल कितने तीर्थकर हुए हैं?
25
20
24
23
7. निम्नलिखित में से किस मुग़ल बादशाह ने राजा राममोहन राय को दूत बनाकर लंदन भेजा था?
आलमगीर द्वितीय
शाहआलम द्वितीय
अकबर द्वितीय
बहादुरशाह द्वितीय
8. वैज्ञानिक समाज की स्थापना की थी?
विल्टन कम्पनी ने
लॉर्ड कार्नवालिस ने
सर सैयद अहमद ख़ाँ ने
इनमें से कोई नहीं
9. महाभारत में माद्री, देवकी, भद्रा, रोहिणी, मदिरा, आदि स्त्रियों का वर्णन किस सन्दर्भ में किया है?
धार्मिक उपासना के सन्दर्भ में
पति के साथ सती होने के सन्दर्भ में
गणिकाओं के रूप में
उपर्युक्त में से कोई नहीं
10. अशोक के कुल कितने मुहालेख अब तक मिले हैं?
5
3
7
14
11. कोपेनहेगन संग्रहालय की सामग्री से पाषण, कांस्य और लौहयुग का त्रियुगीय विभाजन किया था?
थॉमसन ने
लुब्बाक ने
टेलर ने
चाइल्ड ने
12. ऋग्वेद में निम्नलिखित किन नदियों का उल्लेख अफ़ग़ानिस्तान के साथ आर्यों के सम्बन्ध का सूचक है?
असिक्नी
परुष्नी
कुभा, क्रम
विपाश, सुतुद्रि
13. बुद्ध का किसके सिक्कों पर अंकन हुआ है?
विम कडफ़ाइसिस
कनिष्क
नहपाण
बुद्ध गुप्त
14. माउण्ट आबू का जैन मन्दिर किससे बना है?
बलुए पत्थर से
ग्रेनाइट से
चूना पत्थर से
संगमरमर से
15. 'यापनीय' किसका सम्प्रदाय था?
बौद्ध धर्म का
जैन धर्म का
शैव धर्म का
वैष्णव धर्म का
1. किस देवता के लिए ऋग्वेद में 'पुरंदर' शब्द का प्रयोग हुआ है?
इंद्र
अग्नि
वरुण
सोम
2. 'असतो मा सदगमय' कहाँ से लिया गया है?
ऋग्वेद
यजुर्वेद
अथर्ववेद
सामवेद
3. आर्य भारत में बाहर से आए और सर्वप्रथम बसे थे?
सामातट में
प्रागज्योतिष में
पंजाब में
पांचाल में
4. वैशेषिक दर्शन के प्रतिपादक हैं?
कपिल
अक्षपाद गौतम
उलूक कणद
पतंजलि
5. 'गोत्र' व्यवस्था प्रचलन में कब आई?
ऋग्वैदिक काल में
उत्तर वैदिक काल में
महाकाव्य काल में
सूत्रकाल में
6. किस राजा के शासन काल में ईसाई धर्म प्रचारक 'सेंट थामस' भारत आया?
मिनाण्डर
रुद्रदामन
गोन्दोफिर्नस
कनिष्क
7. सातवाहन शासकों की राजकीय भाषा क्या थी?
पालि
संस्कृत
प्राकृत
उपर्युक्त में से कोई नहीं
8. किस कुषाण शासक ने सर्वाधिक स्वर्ण मुद्रायें जारी की?
कडफिसस प्रथम
कडफिसस द्वितीय
कनिष्क
विमकडफिसस
9. किस वंश के शासकों ने 'क्षत्रप प्रणाली' का प्रयोग किया?
कुषाणों ने
हिन्द-यवनों ने
ईरानियों ने
शकों ने
10. प्राचीन भारत में सर्वप्रथम किस वंश के शासकों ने 'द्वैध शासन प्रणाली' की शुरुआत की?
शकों ने
गुप्तों ने
कुषाणों ने
मौर्यों ने
11. निम्न में से किस विद्वान ने कनिष्क की राजसभा को सुशोभित नहीं किया?
अश्वघोष
नागार्जुन
वसुमित्र
बसुबन्धु
12. सर्वप्रथम रोम के साथ किन लोगों का व्यापार प्रारम्भ हुआ?
कुषाणों का
तमिलों एवं चेरों का
वाकाटकों का
शकों का
13. प्रसिद्ध 'रेशम मार्ग' पर किस वंश के शासकों का अधिकार था?
मौर्यों का
शकों का
कुषाणों का
गुप्तों का
14. किस काल में अछूत की अवधारणा स्पष्ट रूप से उदित हुयी?
ऋग्वैदिक काल
उत्तर वैदिक काल
धर्मशास्त्र के काल
उत्तर-गुप्त काल
15. प्राचीन भारत में 'निष्क' से जाने जाते थे?
स्वर्ण आभूषण
गायें
ताँबे के सिक्के
चाँदी के सिक्के
1. आर्य भारत में संभवतः आये?
यूरोप से
मध्य एशिया से
पूर्वी एशिया से
अन्य क्षेत्रों से
2. कौन-सा वेद अंशतः गद्य रूप में भी रचित है?
ऋग्वेद
यजुर्वेद
सामवेद
अथर्ववेद
→
यजुर्वेद का आवरण पृष्ठ
'यजुष' शब्द का अर्थ है- 'यज्ञ'। यर्जुवेद मूलतः कर्मकाण्ड ग्रन्थ है। इसकी रचना कुरुक्षेत्र में मानी जाती है। यजुर्वेद में आर्यो की धार्मिक एवं सामाजिक जीवन की झांकी मिलती है। इस ग्रन्थ से पता चलता है कि आर्य 'सप्त सैंधव' से आगे बढ़ गए थे और वे प्राकृतिक पूजा के प्रति उदासीन होने लगे थे। यर्जुवेद के मंत्रों का उच्चारण 'अध्वुर्य' नामक पुरोहित करता था।ध्यान दें अधिक जानकारी के लिए देखें:- यजुर्वेद
3. 'सभा और समिति प्रजापति की दो पुत्रियाँ थी' का उल्लेख किस वेद में मिलता है?
ऋग्वेद में
यजुर्वेद में
सामवेद में
अथर्ववेद में
→
अथर्ववेद का आवरण पृष्ठ
अथर्ववेद की भाषा और स्वरूप के आधार पर ऐसा माना जाता है कि इस वेद की रचना सबसे बाद में हुई। अथर्ववेद के दो पाठों (शौनक और पैप्पलद) में संचरित हुए लगभग सभी स्तोत्र ॠग्वेदीय स्तोत्रों के छंदों में रचित हैं। दोनो वेदों में इसके अतिरिक्त अन्य कोई समानता नहीं है।ध्यान दें अधिक जानकारी के लिए देखें:- अथर्ववेद
4. ब्राह्मण ग्रंथों में सर्वाधिक प्राचीन कौन है?
ऐतरेय ब्राह्मण
शतपथ ब्राह्मण
गोपथ ब्राह्मण
पंचविश ब्राह्मण
→ शतपथ ब्राह्मण शुक्ल यजुर्वेद के दोनों शाखाओं काण्व व माध्यन्दिनी से सम्बद्ध है। यह सभी ब्राह्मण ग्रन्थों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ है। इसके रचयिता याज्ञवल्क्य को माना जाता है। शतपथ के अन्त में उल्लेख है- 'ष्आदिन्यानीमानि शुक्लानि यजूशि बाजसनेयेन याज्ञावल्येन ख्यायन्ते।' शतपथ ब्राह्मण में 14 काण्ड हैं जिसमें विभिन्न प्रकार के यज्ञों का पूर्ण एवं विस्तृत अध्ययन मिलता है। 6 से 10 काण्ड तक को शाण्डिल्य काण्ड कहते हैं।ध्यान दें अधिक जानकारी के लिए देखें:- शतपथ ब्राह्मण
5. 'गोत्र' व्यवस्था प्रचलन में कब आई?
ऋग्वैदिक काल में
उत्तर-वैदिक काल में
महाकाव्य काल में
सूत्रकाल में
6. वैदिक युग में 'यव' कहा जाता था?
गेहूँ को
जौ को
चावल को
इनमें से कोई नहीं
7. प्राचीनतम व्याकरण 'अष्टाध्यायी' के रचनाकार हैं?
गौतम
कपिल
पतंजलि
पाणिनि
→ पाणिनि (500 ई पू) संस्कृत व्याकरण शास्त्र के सबसे बड़े प्रतिष्ठाता और नियामक आचार्य थे। इनका जन्म पंजाब के शालातुला में हुआ था जो आधुनिक पेशावर (पाकिस्तान) के क़रीब तत्कालीन उत्तर पश्चिम भारत के गांधार में हुआ था। इनका जीवनकाल 520-460 ईसा पूर्व माना जाता है। इनके व्याकरण को अष्टाध्यायी कहते हैं।ध्यान दें अधिक जानकारी के लिए देखें:- पाणिनि
8. निम्न में से कौन-सी स्मृति प्राचीनतम है?
मनुस्मृति
याज्ञवल्क्य स्मृति
नारद स्मृति
पाराशर स्मृति
→ भारत में वेदों के उपरान्त सर्वाधिक मान्यता और प्रचलन ‘मनुस्मृति’ का ही है । इसमें चारों वर्णों, चारों आश्रमों, सोलह संस्कारों तथा सृष्टि उत्पत्ति के अतिरिक्त राज्य की व्यवस्था, राजा के कर्तव्य, भांति-भांति के विवादों, सेना का प्रबन्ध आदि उन सभी विषयों पर परामर्श दिया गया है जो कि मानव मात्र के जीवन में घटित होने सम्भव हैं यह सब धर्म-व्यवस्था वेद पर आधारित है।ध्यान दें अधिक जानकारी के लिए देखें:- मनुस्मृति
9. 'आदि काव्य' की संज्ञा किसे दी जाती है?
रामायण
महाभारत
गीता
भागवत पुराण
→
रामायण
रामायण कवि वाल्मीकि द्वारा लिखा गया संस्कृत का एक अनुपम महाकाव्य है। इसके 24,000 श्लोक हिन्दू स्मृति का वह अंग हैं जिसके माध्यम से रघुवंश के राजा राम की गाथा कही गयी।ध्यान दें अधिक जानकारी के लिए देखें:- रामायण
10. ऋग्वेद में सबसे पवित्र नदी किसे माना गया है?
सिन्धु
सरस्वती
परुष्णी
शतुद्रि
→
सरस्वती नदी
कई भू-विज्ञानी मानते हैं, और ऋग्वेद में भी कहा गया है, कि हज़ारों साल पहले सतलुज (जो सिन्धु नदी की सहायक नदी है) और यमुना (जो गंगा की सहायक नदी है) के बीच एक विशाल नदी थी जो हिमालय से लेकर अरब सागर तक बहती थी। आज ये भूगर्भी बदलाव के कारण सूख गयी है। ऋग्वेद में, इस नदी सरस्वती को 'नदीतमा' की उपाधि दी गयी है। उस सभ्यता में सरस्वती ही सबसे बड़ी और मुख्य नदी थी, गंगा नहीं।ध्यान दें अधिक जानकारी के लिए देखें:- सरस्वती नदी
11. थानेश्वर में वर्धन वंश की स्थापना किसने की थी?
राज्यवर्धन
आदित्यवर्धन
पुष्यभूतिवर्धन
नरवर्धन
12. हर्षवर्धन प्रत्येक पाँच वर्ष के बाद कहाँ पर सम्मेलन आयोजित करता था?
कन्नौज
वल्लभि
प्रयाग
थानेश्वर
→ प्रयाग में आत्मघात करने वाले को पुराणों के अनुसार मोक्ष की प्राप्ति होती है। पुराणों के अनुसार जो योगी गंगा-यमुना के संगम पर आत्महत्या करके स्वर्ग को प्राप्त करता है, वह पुन: नरक नहीं देख सकता। प्रयाग में वैश्यों और शूद्रों के लिए आत्महत्या विवशता की स्थिति में यदा-कदा ही मान्य थी। किन्तु ब्राह्मणों और क्षत्रियों के द्वारा आत्म-अग्न्याहुति दिया जाना एक विशेष विधान के अनुसार उचित था। अत: जो ऐसा करना चाहें तो ग्रहण के दिन यह कार्य सम्पन्न करते थे, या किसी व्यक्ति को मूल्य देकर डूबने के लिए क्रय कर लेते थे।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-प्रयाग
13. कदम्ब राज्य के संस्थापक 'मयूरदर्शन' ने किसे अपनी राजधानी बनाया था?
बंगाल
कन्नौज
वैजयंती या बनवासी
इनमें में से कोई नहीं
14. किस संगमयुगीन चेर शासक ने ‘पत्तिनी पूजा’ या ‘कण्णगी पूजा’ की प्रथा को प्रारम्भ करवाया था?
कुट्टवन
उदियनजेरल
शेनगुट्टुवन
नेदुनजेरल आदन
15. संगम युगीन अंत्येष्टि सम्बन्धी कथन में कौन-सा असत्य है?
ताबूत में दफन करना
दाह संस्कार करना
सीधा दफन करना
पक्षियों व जानवरों के लिए खुला छोड़ देना
1. टीपू सुल्तान ने किस क्लब की सदस्यता प्राप्त कर श्रीरंगपट्टनम में स्वतंत्रता का वृक्ष रोपा था?
लॉयन्स क्लब
जैकोबिन क्लब
फ्रीडम फाइटर्स क्लब
ईस्ट इण्डिया क्लब
2. दादाभाई नौरोजी ने अंग्रेज़ों की किस नीति को 'अनिष्टों का अनिष्ट' कहा था?
भारतीयों के प्रति अत्याचार की नीति
भारतीयों के प्रति शोषण की नीति
शैक्षणिक परिवेश में विकृति लाने की नीति
भारत से धन निष्कासन की नीति
3. भारत में कृषि का प्राचीनतम साक्ष्य कहाँ से मिलता है?
हड़प्पा
मेहरगढ़
सराय नहर
बुर्ज़होम
4. अब तक सिंधु सभ्यता में कुल कितनी फ़सलों के उगाये जाने का संकेत मिल चुका है?
तीन
पाँच
नौ
ग्यारह
5. उत्तरोत्तर हड़प्पा संस्कृति के अवशेष कहाँ से मिलते हैं?
रंगपुर
कालीबंगा
लोथल
रोपड़
6. सूरकोटदा किस लिए प्रसिद्ध है?
परिपक्व हड़प्पा संस्कृति के लिए
घोड़े की हड्डियों के अवशेष के लिए
युगल शवाधान के लिए
उपर्युक्त सभी के लिए
7. अमरकोश में कुल कितने प्रकार की भूमि का वर्णन मिलता है?
16
12
15
14
8. भारतीय मज़दूरों के असंतोष की अभिव्यक्ति सर्वप्रथम कहाँ के मज़दूरों की हड़ताल के रूप में देखने को मिलती है?
नागपुर
कलकत्ता
अहमदाबाद
बम्बई
9. मोहन जोदड़ो की सबसे बड़ी इमारत निम्न में से कौन सी है?
अन्नागार
स्नानागार
ईटों से बना सभा भवन
उपर्युक्त में से कोई नहीं
10. सिंधु सभ्यता में कुम्भकारों के भट्ठों के अवशेष कहाँ मिलते हैं?
हड़प्पा में
कालीबंगा में
मोहन जोदड़ो में
लोथल में
11. सैन्धव निवासियों का प्रिय पशु निम्न में से कौन-सा था?
कुत्ता
साँड़
घोड़ा
ऊँट
12. हड़प्पा सभ्यता के अंतर्गत हल से जोते गये खेतों का साक्ष्य कहाँ से मिलता है?
रोपड़
लोथल
कालीबंगा
वनमाली
13. हड़प्पा सभ्यता की प्रमुख विशेषता निम्न में से कौन-सी है?
स्नानागार
धार्मिक स्थल
नगर नियोजन
अन्नागार
14. वैदिक साहित्य के अंतर्गत आने वाले निम्नलिखित ग्रंथों में कौन बेमेल है?
स्मृतियाँ
वेद
उपनिषद
आरण्यक
15. ऋग्वेद का वह कौन-सा प्रतापी देवता है, जिसका 250 सूक्तों में वर्णन मिलता है?
अग्नि
इन्द्र
वरुण
द्यौ
1. भारत के इतिहास के सन्दर्भ में 'अब्दुल हमीद लाहौरी' कौन था?
अकबर के शासन में एक महत्त्वपूर्ण सैन्य कमाण्डर
शाहजहाँ के शासन का एक राजकीय इतिहासकार
औरंगज़ेब का एक महत्त्वपूर्ण सामन्त तथा विश्वासपात्र
मुहम्मदशाह के शासन में एक इतिहासकार एवं कवि
→
Shahjahan on The Peacock Throne.jpg
नूरजहाँ के रुख को अपने प्रतिकूल जानकर शाहजहाँ ने 1622 ई. में विद्रोह कर दिया, जिसमें वह पूर्णतः असफल रहा। 1627 ई. में जहाँगीर की मृत्यु के उपरान्त शाहजहाँ ने अपने ससुर आसफ़ ख़ाँ को यह निर्देश दिया, कि वह शाही परिवार के उन समस्त लोगों को समाप्त कर दें, जो राज सिंहासन के दावेदार हैं। जहाँगीर की मृत्यु के समय शाहजहाँ दक्षिण में था।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-शाहजहाँ
2. 'धरमट का युद्ध' (अप्रैल 1658) निम्न में से किनके बीच बीच लड़ा गया था?
मुहम्मद ग़ोरी और जयचन्द्र
बाबर और अफ़ग़ान
औरंगज़ेब और दारा शिकोह
अहमदशाह और मराठा
→ अपने साम्राज्य विस्तार के अन्तर्गत औरंगज़ेब ने सर्वप्रथम असम को अपने अधिकार में करना चाहा। उसने मीर जुमला को बंगाल का सूबेदार नियुक्त किया और उसे असम को जीतने की ज़िम्मेदारी सौंपी। 1 नवम्बर, 1661 ई. को मीर जुमला ने कूचबिहार की राजधानी को अपने अधिकार में कर लिया। असम पर उस समय अहोम जाति के लोग शासन कर रहे थे। मीर जुमला ने अहोमों को परास्त कर 1662 ई. में ‘गढ़गाँव’ पर क़ब्ज़ा कर लिया।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-औरंगज़ेब
→
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दारा शिकोह की उम्र जिस समय 43 वर्ष की थी और वह पिता के 'तख़्त-ए-ताऊस' को उत्तराधिकार में पाने की उम्मीद रखता था। लेकिन तीनों छोटे भाइयों, ख़ासकर औरंगज़ेब ने उसके इस दावे का विरोध किया। फलस्वरूप दारा को उत्तराधिकार के लिए अपने इन भाइयों के साथ में युद्ध करना पड़ा। लेकिन शाहजहाँ के समर्थन के बावजूद दारा की फ़ौज 15 अप्रैल 1658 ई. को धरमट के युद्ध में औरंगज़ेब और मुराद बख़्श की संयुक्त फ़ौज से परास्त हो गई।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-दारा शिकोह
3. मुग़ल काल में निम्नलिखित बन्दरगाहों में से किसको 'बाबूल मक्का' (मक्का द्वार) कहा जाता था?
कालीकट
भड़ौच
खम्भात
सूरत
→
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पुर्तग़ालियों द्वारा (1512 एवं 1530) सूरत को जला दिए जाने के बाद यह एक बड़ा विक्रय केंद्र बना, जहाँ से कपड़े और सोने का निर्यात होता था। वस्त्रोद्योग और जहाज़ निर्माण यहाँ के मुख्य उद्योग थे। अंग्रेज़ों ने 1612 में पहली बार अपनी व्यापारिक चौकी यहीं पर स्थापित की थी। यहाँ के सूती, रेशमी, किमख़्वाब (जरीदार कपड़ा) के वस्त्र तथा सोने व चाँदी की वस्तुएँ प्रसिद्ध हैं।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-सूरत
4. दिल्ली का पुराना क़िला किसके द्वारा बनवाया गया था?
शेरशाह
अकबर
शाहजहाँ
हुमायूँ
→
Shershah Tomb2.jpg
शेरशाह ने बंगाल के सोनागाँव से लेकर पंजाब में सिंधु नदी तक, आगरा से राजस्थान और मालवा तक पक्की सड़कें बनवाई थीं। सड़कों के किनारे छायादार एवं फल वाले वृक्ष लगाये गये थे, और जगह-जगह पर सराय, मस्जिद और कुओं का निर्माण कराया गया था। ब्रजमंडल के चौमुहाँ गाँव की सराय और छाता गाँव की सराय का भीतरी भाग उसी के द्वारा निर्मित हैं।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-शेरशाह
5. अमरकोट के राजा वीरसाल के महल में किस मुग़ल बादशाह का जन्म हुआ था?
बाबर
औरंगज़ेब
अकबर
जहाँगीर
→
Akbar-Receives-An-Embassy.jpg
अकबर का जन्म अमरकोट के राणा ‘वीरसाल’ के महल में हुआ था। आजकल कितने ही लोग अमरकोट को 'उमरकोट' समझने की ग़लती करते हैं। वस्तुत: यह इलाका राजस्थान का अभिन्न अंग था। आज भी वहाँ हिन्दू राजपूत बसते हैं। रेगिस्तान और सिंध की सीमा पर होने के कारण अंग्रेज़ों ने इसे सिंध के साथ जोड़ दिया और विभाजन के बाद वह पाकिस्तान का अंग बन गया। अकबर के बचपन का नाम 'बदरुद्दीन' था।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-अकबर
6. मुग़ल दरबार में ‘पर्दा शासन’ के लिए ज़िम्मेदार ‘अतका खेल’ या ‘हरम दल’ की सर्वप्रमुख सदस्या कौन थी?
माहम अनगा
हमीदा बानू
मेहरुन्निसा
जहाँआरा बेगम
→ माहम अनगा बादशाह अकबर के बचपन में उसकी मुख्य अनगा (दूधमाता) थी। वह एक कटु राजनीतिज्ञ महिला और अदहम ख़ाँ की माँ थी। वह हरम के अन्दर उस दल में सम्मिलित थी, जो बैरम ख़ाँ के राज्य का सर्वेसर्वा बने रहने का विरोधी था। उसने अकबर को बैरम ख़ाँ के हाथ से सल्तनत की बाग़डोर छीनने के लिए प्रोत्साहित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-माहम अनगा
7. निम्न इतिहासकारों में से किसने अकबर को इस्लाम धर्म का शत्रु कहा है?
अब्बास ख़ाँ सरवानी
बदायूंनी
अहमद ख़ाँ
मीर अलाउद्दौला कजवीनी
→ बचपन में बदायूंनी 'बसबार' में रहे और सम्भल व आगरा में उन्होंने अध्ययन किया। 1562 में वह बदायूँ गए, वहाँ से पटियाला जाकर वह एक स्थानी राजा हुसैन ख़ाँ की सेवा में चले गए, जहाँ वह नौ वर्षों तक रहे। दरबार छोड़ने के बाद उन्होंने अपनी शिक्षा जारी रखी और विभिन्न मुस्लिम रहस्यवादियों के साथ अध्ययन किया। 1574 में बदायूंनी, अब्दुल क़ादिर मुग़ल बादशाह अकबर के दरबार में पेश किए गए।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-बदायूंनी
8. अकबर ने किसे ‘कविराय’ या ‘कविराज’ की उपाधि प्रदान की थी?
बीरबल
अबुल फ़ज़ल
फ़ैज़ी
अब्दुर्रहीम ख़ानख़ाना
→
बीरबल
अकबर के नवरत्नों में सबसे अधिक लोक-प्रसिद्ध बीरबल कानपुर के कान्यकुब्ज ब्राह्मण गंगादास के पुत्र थे। बीरबल का असली नाम महेशदास था। कुछ इतिहासकारों ने बीरबल को राजपूत सरदार बताया है। बीरबल अकबर के स्नेहपात्र थे। अकबर ने बीरबल को 'राजा' और 'कविराय' की उपाधि से सम्मानित किया था। पर उनका साहित्यिक जीवन अकबर के दरबार में मनोरंजन करने तक ही सीमित रहा।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-बीरबल
9. जहाँगीर के निर्देश पर किसने अबुल फ़ज़ल की हत्या की थी?
युसूफजाइयों ने
उजबेगों ने
वीरसिंह बुन्देला ने
अफ़ग़ानियों ने
10. ‘मैंने अपना राज्य अपनी प्यारी बेगम के हाथों में एक प्याला शराब और एक प्याला शोरबे के लिए बेच दिया है।’ यह कथन किस बादशाह का है?
जहाँगीर
शाहजहाँ
औरंगज़ेब
हुमायूँ
→
Jahangir-Mahal-Orchha.jpg
जहाँगीर ने अपने उत्तर जीवन में शासन का समस्त भार नूरजहाँ को सौंप दिया था। वह स्वयं शराब पीकर निश्चिंत पड़े रहने में ही अपने जीवन की सार्थकता समझता था। शराब की बुरी लत और ऐश−आराम ने उसके शरीर को निकम्मा कर दिया था। वह कोई महत्त्वपूर्ण कार्य नहीं कर सकता था। सौभाग्य से अकबर के काल में मुग़ल साम्राज्य की नींव इतनी सृदृढ़ रखी गई थी, कि जहाँगीर के निकम्मेपन से उसमें कोई ख़ास कमी नहीं आई थी।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-जहाँगीर
11. ‘जो चित्रकला के शत्रु हैं, मैं उनका शत्रु हूँ।’ यह कथन किस बादशाह का है?
शिवाजी
राणा प्रताप
जहाँगीर
शेरशाह
→ जहाँगीर के चरित्र में एक अच्छा लक्षण था - प्रकृति से ह्रदय से आनंद लेना तथा फूलों को प्यार करना, उत्तम सौन्दर्य, बोधात्मक रुचि से सम्पन्न। स्वयं चित्रकार होने के कारण जहाँगीर कला एवं साहित्य का पोषक था। उसका ‘तुजूके-जहाँगीरी’ संस्मरण उसकी साहित्यिक योग्यता का प्रमाण है। उसने कष्टकर चुंगियों एवं करों को समाप्त किया तथा हिजड़ों के व्यापार का निषेध करने का प्रयास किया।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-जहाँगीर
12. किस जाट नेता ने बादशाह अकबर के मक़बरे (सिकन्दरा) को हानि पहुँचाई तथा अकबर की क़ब्र को खोदकर उसकी अस्थियों को जला दिया?
गोकुला
राजाराम
चूड़ामणि
बदनसिंह
→ सन् 1688, मार्च में राजाराम ने आक्रमण किया। राजाराम ने अकबर के मक़बरे को लगभग तोड़ ही दिया था। यह निश्चय मुग़लों की प्रभुता का प्रतीक था। मनूची का कथन है कि जाटों ने लूटपाट "काँसे के उन विशाल फाटकों को तोड़कर शुरू की, जो इसमें लगे थे; उन्होंने बहुमूल्य रत्नों और सोने-चाँदी के पत्थरों को उखाड़ लिया और जो कुछ वे ले जा नहीं सकते थे, उसे उन्होंने नष्ट कर दिया।"ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-राजाराम
13. किस मुग़ल बादशाह को उसकी प्रजा ‘शाही वेश में एक फ़कीर’ कहती थी?
दारा शिकोह
अस्करी
शाहजहाँ
औरंगज़ेब
→ डा. रामधारीसिंह का कथन है− 'बाबर से लेकर शाहजहाँ तक मुग़लों ने भारत की जिस सामाजिक संस्कृति को पाल−पोस कर खड़ा किया था, उसे औरंगज़ेब ने एक ही झटके से तोड़ डाला और साथ ही साम्राज्य की कमर भी तोड़ दी। वह हिन्दू जनता का ही नहीं सूफियों का भी दुश्मन था और सरमद जैसे संत को उसने सूली पर चढ़ा दिया।'ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-औरंगज़ेब
14. राजपूताना के निम्न राज्यों में से किस एक राज्य ने अकबर की संप्रभुता स्वीकार नहीं की थी?
आमेर
मेवाड़
बीकानेर
राजस्थान
→
Palace-Of-Rana-Of-Mewar-Udaipur.jpg
अकबर ने सन 1624 में मेवाड़ पर आक्रमण कर चित्तौड़ को घेर लिया, पर राणा उदयसिंह ने उसकी अधीनता स्वीकार नहीं की थी और प्राचीन 'आधाटपुर' के पास उदयपुर नामक अपनी राजधानी बसाकर वहाँ चला गया था। उनके बाद महाराणा प्रताप ने भी युद्ध जारी रखा और अधीनता नहीं मानी थी। उनका हल्दीघाटी का युद्ध इतिहास प्रसिद्ध है।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-मेवाड़
15. शिवाजी के 'अष्टप्रधान' का जो सदस्य विदेशी मामलों की देख-रेख करता था, वह कौन था?
पेशवा
सचिव
बालाजी बाजीराव
सुमन्त
1. गुप्त काल का सर्वप्रमुख गणितज्ञ एवं खगोलविद निम्न में से कौन था?
वराहमिहिर
आर्यभट्ट
बाणभट्ट
ब्रह्मगुप्त
→ आर्यभट्टीय‘नामक ग्रंथ की रचना करने वाले आर्यभट्ट अपने समय के सबसे बड़े गणितज्ञ थे। आर्यभट्ट ने दशमलव प्रणाली का विकास किया। आर्यभट्ट के प्रयासों के द्वारा ही खगोल विज्ञान को गणित से अलग किया जा सका। आर्यभट्ट ऐसे प्रथम नक्षत्र वैज्ञानिक थे, जिन्होंने यह बताया कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती हुई सूर्य के चक्कर लगाती है। इन्होनें सूर्य ग्रहण एवं चन्द्र ग्रहण होने के वास्तविक कारण पर प्रकाश डाला। आर्यभट्ट ने सूर्य सिद्धान्त लिखा।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-आर्यभट्ट
2. अपने प्रशासन में पश्चिमी प्रक्रियाओं को अपनाने वाला पहला भारतीय शासक कौन था?
शिवाजी
बाजीराव प्रथम
टीपू सुल्तान
हैदर अली
→
टीपू सुल्तान
टीपू सुल्तान का जन्म 20 नवम्बर सन 1750 ई. को देवनहल्ली, वर्तमान में कर्नाटक के कोलर ज़िले में हुआ था। टीपू सुल्तान के पिता का नाम हैदर अली था। मैसूर के शेर के नाम से मशहूर टीपू सुल्तान न सिर्फ़ अत्यंत दिलेर और बहादुर थे, बल्कि एक कुशल योजनाकार भी थे। उन्होंने अपने शासनकाल में कई सड़कों का निर्माण कराया और सिंचाई व्यवस्था के पुख्ता इंतज़ाम किए। उन्होंने एक बाँध की नींव भी रखी।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-टीपू सुल्तान
3. पुरी के जगन्नाथ मंदिर का निर्माण किसने कराया था?
अनंतवर्मन चोडगंग
आदित्यवर्मन चोडगंग
नरसिंह वर्मन प्रथम
परमेश्वर वर्मन प्रथम
4. परमार वंश के किस शासक ने 'कविराज' की उपाधि ग्रहण की थी?
यशोवर्मन
भोज
जयवर्मन
नरवर्मन
→ 'रामभद्र' का उत्तराधिकारी 'मिहिरभोज' (भोज प्रथम) (836 से 889 ई.) गुर्जर प्रतिहार वंश का सर्वाधिक प्रतापी एवं महान शासक हुआ। उसने 836 ई. के लगभग कन्नौज को अपनी राजधानी बनाया, जो आगामी सौ वर्षों तक प्रतिहारों की राजधानी बनी रही। भोज ने जब पूर्व दिशा की ओर अपने साम्राज्य का विस्तार करना चाहा, तो उसे बंगाल के पाल शासक धर्मपाल से पराजित होना पड़ा। 842 से 860 ई. के बीच उसे राष्ट्रकूट शासक ध्रुव ने भी पराजित किया।।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-भोज
5. किस गुप्त कालीन शासक के समय में हूणों ने भारत पर आक्रमण किया?
चन्द्रगुप्त प्रथम
समुद्रगुप्त
महेन्द्रगुप्त
स्कन्दगुप्त
6. चन्देलों की राजधानी कहाँ स्थित थी?
खजुराहो
महोबा
झाँसी
ग्वालियर
→
खजुराहो मंदिर, मध्य प्रदेश
खजुराहो का प्राचीन नाम 'खर्जुरवाहक' है। 900 से 1150 ई. के बीच यह चन्देल राजपूतों के राजघरानों के संरक्षण में राजधानी और नगर था, जो एक विस्तृत क्षेत्र 'जेजाकभुक्ति' (अब मध्य प्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र) के शासक थे। चन्देलों के राज्य की नींव आठवीं शती ई. में महोबा के चन्देल नरेश चंद्रवर्मा ने डाली थी। तब से लगभग पाँच शतियों तक चन्देलों की राज्यसत्ता जुझौति में स्थापित रही।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-खजुराहो
7. दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने 'चिहालगानी' की स्थापना की थी?
कुतुबुद्दीन ऐबक
इल्तुतमिश
बलबन
रज़िया सुल्तान
→
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इल्तुतमिश (1210- 236 ई.) एक इल्बारी तुर्क था। खोखरों के विरुद्ध इल्तुतमिश की कार्य कुशलता से प्रभावित होकर मुहम्मद ग़ोरी ने उसे “अमीरूल उमरा” नामक महत्त्वपूर्ण पद दिया था। अकस्मात् मुत्यु के कारण कुतुबद्दीन ऐबक अपने किसी उत्तराधिकारी का चुनाव नहीं कर सका था। अतः लाहौर के तुर्क अधिकारियों ने कुतुबद्दीन ऐबक के विवादित पुत्र आरामशाह (जिसे इतिहासकार नहीं मानते) को लाहौर की गद्दी पर बैठाया, परन्तु दिल्ली के तुर्को सरदारों एवं नागरिकों के विरोध के फलस्वरूप कुतुबद्दीन ऐबक के दामाद इल्तुतमिश, जो उस समय बदायूँ का सूबेदार था, को दिल्ली आमंत्रित कर राज्यसिंहासन पर बैठाया गया।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-इल्तुतमिश
8. दिल्ली सल्तनत का पहला सुल्तान कौन था, जिसने सैनिकों को नक़द वेतन देना आरम्भ किया?
इल्तुतमिश
बलबन
अलाउद्दीन ख़िलजी
मुहम्मद बिन तुग़लक़
→ अलाउद्दीन ख़िलजी ने आन्तरिक विद्रोहों को दबाने, बाहरी आक्रमणों का सफलतापूर्वक सामना करने एवं साम्राज्य विस्तार हेतु एक विशाल सुदृढ़ एवं स्थायी सेना का गठन किया। उसने घोड़ों को दाग़ने एवं सैनिकों के हुलिया लिखे जाने के विषय में नवीनतम नियम बनाये। स्थायी सेना को गठित करने वाला अलाउद्दीन पहला सुल्तान था। उसने सेना का केन्द्रीकरण किया और साथ ही सैनिकों की सीधी भर्ती एवं नक़द वेतन देने की प्रथा को प्रारम्भ किया। अमीर खुसरो के वर्णन के आधार पर ‘तुमन’ दस हज़ार सैनिकों की टुकड़ी को कहा जाता था।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:- अलाउद्दीन ख़िलजी
9. अकबर के स्थापत्य कला की महत्त्वपूर्ण उपलब्धि निम्न में से कौन-सी थी?
फ़तेहपुर सीकरी
आगरा का क़िला
लाहौर का क़िला
इलाहाबाद का क़िला
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फ़तेहपुर सीकरी आगरा से 22 मील दक्षिण, मुग़ल सम्राट अकबर के बसाए हुए भव्य नगर के खंडहर आज भी अपने प्राचीन वैभव की झाँकी प्रस्तुत करते हैं। अकबर से पूर्व यहाँ फ़तेहपुर और सीकरी नाम के दो गाँव बसे हुए थे, जो अब भी हैं। इन्हें अंग्रेज़ शासक ओल्ड विलेजेस के नाम से पुकारते थे। सन 1527 ई. में चित्तौड़-नरेश राणा साँगा और बाबर ने यहाँ से लगभग दस मील दूर कनवाहा नामक स्थान पर भारी युद्ध हुआ था, जिसकी स्मृति में बाबर ने इस गाँव का नाम फ़तेहपुर कर दिया था। तभी से यह स्थान फ़तेहपुर सीकरी कहलाता है।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-फ़तेहपुर सीकरी
10. नादिरशाह के आक्रमण के समय मुग़ल सम्राट कौन था?
अहमदशाह
मुहम्मदशाह
शाहआलम द्वितीय
अकबर द्वितीय
→ मुबारक शाह के बाद दिल्ली की गद्दी पर मुबारक शाह का भतीजा 'मुहम्मद बिन फ़रीद ख़ाँ' मुहम्मदशाह (1434-1445 ई.) के नाम से गद्दी पर बैठा। उसके शासन काल के 6 महीने उसके वज़ीर 'सरवर-उल-मुल्क' के आधिपत्य में बीते। परन्तु छः महीने उपरान्त ही सुल्तान ने अपने नायब सेनापति 'कमाल-उल-मुल्क' के सहयोग से वज़ीर का वध करवा दिया।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-मुहम्मदशाह
11. 'सन्यासी विद्रोह' किस क्षेत्र में हुआ था?
महाराष्ट्र
उड़ीसा
असम
बंगाल
→
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सन 1757 में प्लासी के युद्ध ने इतिहास की धारा को मोड़ दिया, जब अंग्रेज़ पहली बार बंगाल और भारत में अपने पांव जमा पाए। सन 1905 में राजनीतिक लाभ के लिए अंग्रेज़ों ने बंगाल का विभाजन कर दिया, लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व में लोगों के बढ़ते हुए आक्रोश को देखते हुए 1911 में बंगाल को फिर से एक कर दिया गया। 18वीं शताब्दी के अन्तिम वर्षों में ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध भारत के कुछ भागों में सन्यासियों ने आन्दोलन प्रारम्भ कर दिये थे, इस आन्दोलन को 'सन्यासी विद्रोह' कहा जाता है। ब्रिटिश शासन काल में यह आन्दोलन अधिकतर बंगाल प्रांत में हुआ था।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-बंगाल
12. निम्न में से कौन-सा 'कृषक विद्रोह' नहीं था?
खेड़ा सत्याग्रह
झंडा सत्याग्रह
मोपला
चंपारन सत्याग्रह
13. सिंधु सभ्यता में घोड़े के अवशेष कहाँ से प्राप्त हुए हैं?
लोथल
मोहन जोदड़ो
सुतकोतड़ा
रंगपुर
14. निम्न में से किस स्थान पर चन्द्रगुप्त मौर्य ने जैन धर्म स्वीकार कर अपने शरीर का त्याग किया?
पाटलिपुत्र
तक्षशिला
श्रवणबेलगोला
उज्जयिनी
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श्रवणबेलगोला महल कर्नाटक के मैसूर शहर में स्थित है। श्रवणबेलगोला मैसूर से 84 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ का मुख्य आकर्षण गोमतेश्वर/ बाहुबलि स्तंभ है। बाहुबलि मोक्ष प्राप्त करने वाले प्रथम तीर्थंकर थे। श्रवणबेलगोला नामक कुंड पहाड़ी की तराई में स्थित है। बारह वर्ष में एक बार होने वाले महामस्ताभिषेक में बड़ी संख्या में लोग भाग लेते हैं।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-श्रवणबेलगोला
15. किस सातवाहन नरेश ने 'वेणकटक स्वामी' की उपाधि ग्रहण की थी?
सिमुक
शातकर्णी प्रथम
गौतमीपुत्र सातकर्णि
वाशिष्ठीपुत्र मुलुमावी
→ राजा सातकर्णी के उत्तराधिकारियों के केवल नाम ही पुराणों द्वारा ज्ञात होते हैं। ये नाम 'पूर्णोत्संग' (शासन काल 18 वर्ष), 'स्कन्धस्तम्भि' (18 वर्ष), 'मेघस्वाति' (18 वर्ष) और 'गौतमीपुत्र सातकर्णि' (56 वर्ष) हैं। इनमें गौतमीपुत्र सातकर्णी के सम्बन्ध में उसके शिलालेखों से बहुत कुछ परिचय प्राप्त होता है।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-गौतमीपुत्र सातकर्णि
चन्द्रगुप्त मौर्य एवं सेल्युकस के मध्य
घननन्द एवं चन्द्रगुप्त मौर्य के मध्य
पोरस एवं सिकन्दर के मध्य
सिकन्दर एवं आम्भि के मध्य
2. निम्न में से किसने शुद्ध सोने के सिक्के जारी किए थे?
गुप्तों ने
हिन्द यवनों ने
कुषाणों ने
शुंगों ने
→ कुषाण भी शकों की ही तरह मध्य एशिया से निकाले जाने पर क़ाबुल-कंधार की ओर यहाँ आ गये थे। उस काल में यहाँ के हिन्दी यूनानियों की शक्ति कम हो गई थी, उन्हें कुषाणों ने सरलता से पराजित कर दिया। उसके बाद उन्होंने क़ाबुल-कंधार पर अपना राज्याधिकार कायम किया। उनके प्रथम राजा का नाम 'कुजुल कडफाइसिस' था। उसने क़ाबुल–कंधार के यवनों (हिन्दी यूनानियों) को हराकर भारत की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर बसे हुए पल्लवों को भी पराजित कर दिया। कुषाणों का शासन पश्चिमी पंजाब तक हो गया था।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:- कुषाण
3. मौर्य काल में निर्मित ‘सुदर्शन झील’ का निर्माण किसने करवाया था?
पुष्पगुप्त
उपगुप्त
तुषाष्क
चन्द्रगुप्त मौर्य
4. गुप्त वंश का संस्थापक कौन था?
घटोत्कचगुप्त
चन्द्रगुप्त प्रथम
श्रीगुप्त
रामगुप्त
→ गुप्त राजा स्वयं बौद्ध नहीं थे, पर क्योंकि बौद्ध तीर्थ स्थानों का दर्शन करने के लिए बहुत से चीनी इस समय भारत में आने लगे थे। अतः महाराज श्रीगुप्त ने उनके आराम के लिए यह महत्त्वपूर्व दान दिया था। दो मुद्राएँ ऐसी मिली हैं, जिनमें से एक पर 'गुतस्य' और दूसरी पर 'श्रीगुप्तस्य' लिखा है। सम्भवतः ये इसी महाराज श्रीगुप्त की हैं। प्रभावती गुप्त के पूना स्थित ताम्रपत्र अभिलेख में श्री गुप्त का उल्लेख गुप्त वंश के आदिराज के रूप में किया गया है। लेखों में इसका गोत्र 'धरण' बताया गया है।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-श्रीगुप्त
5. ‘मेहरोली का स्तम्भ लेख’ किस शासक से सम्बन्धित है?
चन्द्रगुप्त द्वितीय
चन्द्रगुप्त मौर्य
अशोक
समुद्रगुप्त
→ चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य (राज 380-413) गुप्त वंश का राजा था। समस्त गुप्त राजाओं में समुद्रगुप्त का पुत्र चन्द्रगुप्त द्वितीय सर्वाधिक शौर्य एवं वीरोचित गुणों से सम्पन्न था। चन्द्रगुप्त द्वितीय (381-413 ई.) का सेनापति आम्रकार्द्दव था। उसे देव, देवगुप्त, देवराज, देवश्री, श्रीविक्रम, विक्रमादित्य, परमाभागवत्, नरेन्द्रचन्द्र, सिंहविक्रम, अजीत विक्रम आदि उपाधि धारण किए थे। अनुश्रूतियों में चन्द्रगुप्त द्वितीय ने अपनी पुत्री प्रभावती का विवाह वाकाटक नरेश रुद्रसेन से किया, रुद्रसेन की मृत्यु के बाद चन्द्रगुप्त ने अप्रत्यक्ष रूप से वाकाटक राज्य को अपने राज्य में मिलाकर उज्जैन को अपनी दूसरी राजधानी बनाया। इसी कारण चन्द्रगुप्त द्वितीय को 'उज्जैनपुरवराधीश्वर' भी कहा जाता है।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-चन्द्रगुप्त द्वितीय
6. किस गुप्तकालीन शासक को ‘कविराज’ कहा गया है?
श्रीगुप्त
चन्द्रगुप्त द्वितीय
समुद्रगुप्त
स्कन्दगुप्त
→ समुद्रगुप्त अनुपम वीर था। उसने शीघ्र ही भाइयों के विद्रोह को शान्त कर दिया था, और पाटलिपुत्र के सिंहासन पर दृढ़ता के साथ अपना अधिकार जमा लिया। काच ने एक साल के लगभग तक राज्य किया। काच नामक गुप्त राजा की सत्ता को मानने का आधार केवल वे सिक्के हैं, जिन पर उसका नाम 'सर्वराजोच्छेता' विशेषण के साथ दिया गया है। अनेक विद्वानों का मत है, कि काच समुद्रगुप्त का ही नाम था। ये सिक्के उसी के हैं, और बाद में दिग्विजय करके जब वह 'आसमुद्रक्षितीश' बन गया था, तब उसने काच के स्थान पर समुद्रगुप्त नाम धारण कर लिया था।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-समुद्रगुप्त
7. ‘दीवानी’ एवं ‘फ़ौजदारी’ से सम्बन्धित ग्रन्थ की रचना सर्वप्रथम कब हुई थी?
मौर्य काल में
कुषाण काल में
गुप्त काल में
गुप्तोत्तर काल में
→ गुप्त साम्राज्य का उदय तीसरी सदी के अन्त में प्रयाग के निकट कौशाम्बी में हुआ। गुप्त कुषाणों के सामन्त थे। इस वंश का आरंभिक राज्य उत्तर प्रदेश और बिहार में था। लगता है कि गुप्त शासकों के लिए बिहार की उपेक्षा उत्तर प्रदेश अधिक महत्त्व वाला प्रान्त था, क्योंकि आरम्भिक अभिलेख मुख्यतः इसी राज्य में पाए गए हैं। यही से गुप्त शासक कार्य संचालन करते रहे। और अनेक दिशाओं में बढ़ते गए।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-गुप्त साम्राज्य
8. श्रीलंका के राजा 'मेघवर्मन' ने किस स्थान पर भगवान बुद्ध का मन्दिर बनवाने के लिए समुद्रगुप्त से अनुमति माँगी थी?
प्रयाग
बोधगया
कुशीनगर
अमरावती
→ बोधगया में बराबर की पहाडि़यों में सात गुफाएं हैं, जिनमें तीन को अशोक ने आजीविकों को दान कर दिया था। श्रीलंका के शासक मेघवर्मन ने समुद्रगुप्त की अनुमति से बोधगया में एक बौद्ध-विहार बनवाया था। बराबर की पहाड़ी से प्राप्त एक अभिलेख में मौखरि शासक अनन्तवर्मन का वर्णन है। बोधगया के ताराडीह में पाल कालीन अवशेष प्राप्त हैं। गया के समीप सोनपुर से कुषाणों के अवशेष मिले हैं। गया की यात्रा चीनी यात्रियों फ़ाह्यान तथा ह्वेनसांग ने की थी।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-बोधगया
9. चन्द्रगुप्त द्वितीय ने कब ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि धारण की थी?
शकों का उन्मूलन करने पर
गुप्त सिंहासन पर बैठने के बाद
चाँदी के सिक्के जारी करने के बाद
उपर्युक्त सभी
→ शक सम्भवतः उत्तरी चीन तथा यूरोप के मध्य स्थित विदेश झींगझियांग प्रदेश के निवासी थे। कुषाणों एवं शकों का क़बीला एक ही माना गया था। लगभग ई. पू. 100 में विदेशी शासकों की शक्ति बढ़ने लगी। मथुरा में इनका केन्द्र बना। यहाँ के राजा 'शक क्षत्रप' के नाम से जाने जाते हैं। ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-शक
10. गुप्त कालीन सोने की मुद्रा को क्या कहा जाता था?
दीनार
कर्षापण
निष्क
काकिनी
11. गुप्त काल के जनपदों की सूची में प्रथम जनपद का सम्मान निम्न में से किसे दिया गया-
मालवा
मगध
प्रयाग
उपर्युक्त में से कोई नहीं
→ प्रयाग शब्द की व्युत्पत्ति वनपर्व यज धातु से मानी गयी है। उसके अनुसार सर्वात्मा ब्रह्मा ने सर्वप्रथम यहाँ यजन किया था (आहुति दी थी) इसलिए इसका नाम प्रयाग पड़ गया। पुराणों में प्रयागमण्डल, प्रयाग और वेणी अथवा त्रिवेणी की विविध व्याख्याएँ की गयी है। मत्स्य पुराण तथा पद्मपुराण के अनुसार प्रयागमण्डल पाँच योजन की परिधि में विस्तृत है और उसमें प्रविष्ट होने पर एक-एक पद पर अश्वमेध यज्ञ का पुण्य मिलता है। प्रयाग की सीमा प्रतिष्ठान (झूँसी) से वासुकि सेतु तक तथा कंबल और अश्वतर नागों तक स्थित है।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-प्रयाग
12. हरिषेण किस शासक का दरबारी कवि था?
समुद्रगुप्त
अशोक
कनिष्क
चन्द्रगुप्त द्वितीय
→ सम्राट समुद्रगुप्त के वैयक्तिक गुणों और चरित्र के सम्बन्ध में प्रयाग की प्रशस्ति में बड़े सुन्दर संदर्भ पाये जाते हैं। इसे महादण्ड नायक ध्रुवभूति के पुत्र, संधिविग्रहिक महादण्डनायक हरिषेण ने तैयार किया था। हरिषेण के शब्दों में समुद्रगुप्त का चरित्र इस प्रकार का था - 'उसका मन विद्वानों के सत्संग-सुख का व्यसनी था। उसके जीवन में सरस्वती और लक्ष्मी का अविरोध था। वह वैदिक मार्ग का अनुयायी था। उसका काव्य ऐसा था, कि कवियों की बुद्धि विभव का भी उससे विकास होता था। कौन सा ऐसा गुण है, जो उसमें नहीं था। सैकड़ों देशों में विजय प्राप्त करने की उसमें अपूर्व क्षमता थी।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-समुद्रगुप्त
13. सारनाथ के ‘घमेख स्तूप’ का निर्माण किस काल में हुआ था?
मौर्य काल
कुषाण काल
शुंग काल
गुप्त काल
→ गुप्त साम्राज्य का उदय तीसरी सदी के अन्त में प्रयाग के निकट कौशाम्बी में हुआ। गुप्त कुषाणों के सामन्त थे। इस वंश का आरंभिक राज्य उत्तर प्रदेश और बिहार में था। लगता है कि गुप्त शासकों के लिए बिहार की उपेक्षा उत्तर प्रदेश अधिक महत्त्व वाला प्रान्त था, क्योंकि आरम्भिक अभिलेख मुख्यतः इसी राज्य में पाए गए हैं। यही से गुप्त शासक कार्य संचालन करते रहे। और अनेक दिशाओं में बढ़ते गए।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-गुप्त साम्राज्य
14. यूरोपीय भाषा में अनुवादित प्रथम भारतीय ग्रन्थ कौन-सा है?
श्रीमद्भागवदगीता
अभिज्ञानशाकुन्तलम
कुमारसम्भव
कामसूत्र
15. सती प्रथा का प्रथम उल्लेख कहाँ से मिलता है?
भीतरगाँव लेख से
विलसद स्तम्भलेख से
एरण अभिलेख से
भितरी स्तम्भलेख से
→ एरण गुप्तकाल में एक महत्त्वपूर्ण नगर था। यहाँ से गुप्तकाल के अनेक अभिलेख प्राप्त हुये हैं। गुप्त सम्राट समुद्रगुप्त के एक शिलालेख में एरण को 'एरकिण' कहा गया है। इस अभिलेख को कनिंघम ने खोजा था। यह वर्तमान में कोलकाता संग्रहालय में सुरक्षित है। ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-एरण
1. ऋग्वैदिक काल में विनिमय के माध्यम के रूप में किसका प्रयोग किया जाता था?
अनाज
मुद्रा
गाय
दास
2. ऋग्वैदिक युगीन नदी 'परुष्णी' का महत्त्व क्यों है?
सर्वाधिक पवित्र नदी होने के कारण
ऋग्वेद में सबसे अधिक बार उल्लेख होने के कारण
दाशराज्ञ युद्ध के कारण
उपर्युक्त सभी
3. ऋग्वेद में निम्न में से किसका उल्लेख नहीं मिलता है?
कृषि
यव
ब्रीहि
कपास
4. ऋग्वेद के दसवें मण्डल में किसका उल्लेख पहली बार मिलता है?
योद्धा
पुरोहित
शूद्र
चाण्डाल
5. ऋग्वेद में उल्लिखित कुल क़रीब 25 नदियों में से सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण नदी कौन-सी थी?
गंगा नदी
यमुना नदी
सरस्वती नदी
सिन्धु नदी
6. ऋग्वेद में 'जन' और 'विश' का उल्लेख क्रमश: कितनी बार हुआ है?
250,175
275,175
200,150
275,170
7. ऋग्वैदिक युग की सर्वाधिक प्राचीन संस्था कौन-सी थी?
सभा
समिति
विद्थ
परिषद
8. 'आर्य' शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या है?
वीर
श्रेष्ठ या कुलीन
विद्वान
यज्ञकर्ता
9. बोधगया में स्थित वह बोधिवृक्ष, जिसके नीचे बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था, किस शासक के द्वारा कटवा दिया गया?
पुष्यमित्र शुंग
हूण राजा मिहिरकुल
गौड़ के राजा शशांक
महमूद गज़नवी
10. भारत में पूजित पहली मानव प्रतिमा कौन-सी थी?
भगवान बुद्ध
इन्द्र भगवान
महावीर स्वामी
वासुदेव कृष्ण
11. उत्तरवैदिक काल के महत्त्वपूर्ण देवता कौन थे?
रुद्र
विष्णु
प्रजापति
पूषन
12. भारत का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य 'सत्यमेव जयते' कहाँ से उद्धृत है?
मुण्डकोपनिषद से
कठोपनिषद से
छान्दोग्य उपनिषद से
उपर्युक्त में से कोई नहीं
13. उत्तर वैदिककालीन ग्रंथों की रचना लगभग 1000 ई. पू. 600 ई. पू. के मध्य किन स्थानों पर की गई?
सैन्धव घाटी के मैदान में
आर्यावर्त के मैदान में
गंगा के उत्तरी मैदान में
मध्य एशिया के मैदान में
14. 'सभा और समिति प्रजापति की दो पुत्रियाँ थीं' का उल्लेख किस ग्रंथ में मिलता है?
ऋग्वेद में
अथर्ववेद में
यजुर्वेद में
सामवेद में
15. उत्तर वैदिककालीन ग्रंथों में किस आश्रम का उल्लेख नहीं मिलता?
सन्यास
ब्रह्मचर्य
गृहस्थ
वानप्रस्थ
1. 'गायत्री मंत्र' किस वेद से लिया गया है?
ऋग्वेद
सामवेद
यजुर्वेद
अथर्ववेद
2. वेदों को 'अपौरुषेय' क्यों कहा जाता है?
क्योंकि वेदों की रचना देवताओं द्वारा की गई है
क्योंकि वेदों की रचना पुरुषों द्वारा की गई है
क्योंकि वेदों की रचना ऋषियों द्वारा की गई है
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3. राष्ट्र एवं राजा शब्द का उल्लेख सर्वप्रथम कब हुआ?
सैन्धव काल में
ऋग्वैदिक काल में
उत्तरवैदिक काल में
महाकाव्य में
4. आर्यों के मूल निवास स्थान के बारे में सर्वाधिक मान्य मत कौन-सा है?
दक्षिणी रूस
मध्य एशिया में बैक्ट्रिया
भारत में सप्तसैन्धव प्रदेश
मध्य एशिया का पामीर क्षेत्र
5. भागवत धर्म का प्रधान ग्रंथ निम्न में से कौन-सा था?
श्रीमदभागवदगीता
रामायण
महाभारत
उपर्युक्त सभी
6. जैन मत का सर्वाधिक प्रचार-प्रसार किस समुदाय में हुआ?
शासक वर्ग
किसान वर्ग
व्यापारी वर्ग
शिल्पी वर्ग
7. जैन धर्म 'श्वेताम्बर' एवं 'दिगम्बर' सम्प्रदायों में कब विभाजित हुआ?
चन्द्रगुप्त मौर्य के समय में
अशोक के समय में
कनिष्क के समय में
उपर्युक्त में से कोई नहीं
→ चंद्रगुप्त धर्म में भी रुचि रखता था। यूनानी लेखकों के अनुसार जिन चार अवसरों पर राजा महल से बाहर जाता था, उनमें एक था यज्ञ करना। कौटिल्य उसका पुरोहित तथा मुख्यमंत्री था। हेमचंद्र ने भी लिखा है कि वह ब्राह्मणों का आदर करता है। मेगस्थनीज़ ने लिखा है कि चंद्रगुप्त वन में रहने वाले तपस्वियों से परामर्श करता था और उन्हें देवताओं की पूजा के लिए नियुक्त करता था। वर्ष में एक बार विद्वानों (ब्राह्मणों) की सभा बुलाई जाती थी, ताकि वे जनहित के लिए उचित परामर्श दे सकें। दार्शनिकों से सम्पर्क रखना चंद्रगुप्त की जिज्ञासु प्रवृत्ति का सूचक है। जैन अनुयायियों के अनुसार जीवन के अन्तिम चरण में चंद्रगुप्त ने जैन धर्म स्वीकार कर लिया। कहा जाता है कि जब मगध में 12 वर्ष का दुर्भिक्ष पड़ा तो चंद्रगुप्त राज्य त्यागकर जैन आचार्य भद्रबाहु के साथ श्रवण बेल्गोला (मैसूर के निकट) चला गया और एक सच्चे जैन भिक्षु की भाँति उसने निराहार समाधिस्थ होकर प्राणत्याग किया (अर्थात केवल्य प्राप्त किया)। 900 ई. के बाद के अनेक अभिलेख भद्रबाहु और चंद्रगुप्त का एक साथ उल्लेख करते हैं।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:- चन्द्रगुप्त मौर्य
8. जैन धर्म के विषय में कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
जैन धर्म में देवताओं का अस्तित्व स्वीकार किया गया है
वर्ण व्यवस्था की निन्दा की गई है
पूर्व जन्म में अर्जित पुण्य और पाप के आधार पर मनुष्य का जन्म उच्च या निम्न कुल में होता है
जैन धर्म ने अपने को स्पष्टत: ब्राह्मण धर्म से अलग नहीं किया है
9. भारतीय असंतोष के पिता के रूप में बाल गंगाधर तिलक को किसने कहा था?
लॉर्ड कर्ज़न
विंसेंट स्मिथ
वेलेंटाइल शिरॉल
हेनरी कॉटन
→ वेलेंटाइल शिरॉल ने बाल गंगाधर तिलक को 'भारतीय असंतोष का जनक' कहा।
10. सुभाषचन्द्र बोस से पूर्व 'आज़ाद हिन्द फ़ौज़' का कमाण्डर कौन था?
ग्यानी प्रीतम सिंह
कैप्टन मोहन सिंह
मेजर फुजीहारा
कैप्टन सूरज मल
→ आज़ाद हिन्द फ़ौज़ की स्थापना 15 दिसम्बर, 1941 में कैप्टन मोहन सिंह ने की थी। आज़ाद हिन्द फ़ौज़ का नेतृत्व सुभाषचन्द्र बोस को 21 अक्टूबर, 1943 को सौंपा गया।
11. ऋग्वेद में 'निष्क' शब्द का प्रयोग किसी आभूषण के लिए किया गया है, वह आभूषण है?
कान का बुन्दा
माथे का टीका
गले का हार
हाथ का कंगन
12. अथर्ववेद में किन दो संस्थाओं को प्रजापति की दो पुत्रियाँ कहा गया है?
पंचायत एवं ग्राम सभा
समिति एवं विरथ
सभा एवं समिति
सभा एवं विश
13. विशाखादत्त के मुद्राराक्षस में वर्णित नाम चन्द्रसिरी (चन्द्र श्री) के रूप में किस राजा की पहचान की गई है?
अशोक महान
चन्द्रगुप्त
बिन्दुसार
इनमें से कोई नहीं
14. निम्नलिखित में से कौन-सा प्रांत मौर्य साम्राज्य से बाहर था?
कलिंग
सौराष्ट्र
कश्मीर
असम
15. 'अवतारवाद' का प्रथम उल्लेख निम्न में से कहाँ मिलता है?
महाभारत
रामायण
भगवदगीता
विष्णु पुराण
1. तमिल राष्ट्र में दुर्गा का तादात्म्य तमिल देवी 'कोरवई' से किया गया है, वे किस तत्त्व की तमिल देवी थीं?
मातृत्व
प्रकृति और उर्वरकता
पृथ्वी
युद्ध और विजय
2. वह प्रथम भारतीय शासक जिसने रोमन मुद्रा प्रणाली के अनुरूप अपने सिक्कों का प्रसारण किया। उसका सम्बन्ध किस साम्राज्य से था?
शुंग
हिन्द-यूनानी
गुप्त वंशीय
कुषाण
→ युइशि लोगों के पाँच राज्यों में अन्यतम कुएई-शुआंगा था। 25 ई. पू. के लगभग इस राज्य का स्वामी कुषाण नाम का वीर पुरुष हुआ, जिसके शासन में इस राज्य की बहुत उन्नति हुई। उसने धीरे-धीरे अन्य युइशि राज्यों को जीतकर अपने अधीन कर लिया। वह केवल युइशि राज्यों को जीतकर ही संतुष्ट नहीं हुआ, अपितु उसने समीप के पार्थियन और शक राज्यों पर भी आक्रमण किए। अनेक ऐतिहासिकों का मत है, कि कुषाण किसी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं था। यह नाम युइशि जाति की उस शाखा का था, जिसने अन्य चारों युइशि राज्यों को जीतकर अपने अधीन कर लिया था। जिस राजा ने पाँचों युइशि राज्यों को मिलाकर अपनी शक्ति का उत्कर्ष किया, उसका अपना नाम कुजुल कदफ़ियस था। पर्याप्त प्रमाण के अभाव में यह निश्चित कर सकना कठिन है कि जिस युइशि वीर ने अपनी जाति के विविध राज्यों को जीतकर एक सूत्र में संगठित किया, उसका वैयक्तिक नाम कुषाण था या कुजुल था। यह असंदिग्ध है, कि बाद के युइशि राजा भी कुषाण वंशी थे। राजा कुषाण के वंशज होने के कारण वे कुषाण कहलाए, या युइशि जाति की कुषाण शाखा में उत्पन्न होने के कारण—यह निश्चित न होने पर भी इसमें सन्देह नहीं कि ये राजा कुषाण कहलाते थे और इन्हीं के द्वारा स्थापित साम्राज्य को कुषाण साम्राज्य कहा जाता है।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:- कुषाण
3. हैदराबाद नगर की स्थापना की थी?
इब्राहीम क़ुतुबशाह ने
मुहम्मद कुली क़ुतुबशाह ने
मुहम्मद क़ुतुबशाह
जमशिद क़ुतुबशाह
4. बहमनी साम्राज्य के प्रान्तों को क्या कहा जाता था?
तराफ़ या अतराफ़
सूबा
सूबा-ए-लश्कर
महामण्डल
5. औरंगज़ेब के शासनकाल में जाट विद्रोह का नेता कौन था?
तिलपत का ज़मींदार गोकुल सिंह
चम्पतराय
राजाराम
चूड़ामन
6. जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ द्वारा प्रतिपादित चार महाव्रतों में महावीर स्वामी ने पाँचवें व्रत के रूप में क्या जोड़ा?
अहिंसा
अत्तेय
अपरिग्रह
ब्रह्मचर्य
7. ऋग्वैदिक आर्यों की भाषा क्या थी?
द्रविड़ भाषा
प्राकृत भाषा
संस्कृत भाषा
पालि भाषा
→ संस्कृत भारत की एक शास्त्रीय भाषा है। यह दुनिया की सबसे पुरानी उल्लिखित भाषाओं में से एक है। संस्कृत का अर्थ है, संस्कार की हुई भाषा। इसकी गणना संसार की प्राचीनतम ज्ञात भाषाओं में होती है। संस्कृत को देववाणी भी कहते हैं। संस्कृत हिन्दी-यूरोपीय भाषा परिवार की मुख्य शाखा हिन्दी-ईरानी भाषा की हिन्दी-आर्य उपशाखा की मुख्य भाषा है। आधुनिक भारतीय भाषाएँ हिन्दी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, बंगला, उड़िया, नेपाली, कश्मीरी, उर्दू आदि सभी भाषाएं इसी से उत्पन्न हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। हिन्दू धर्म के लगभग सभी धर्मग्रन्थ संस्कृत भाषा में ही लिखे हुए हैं। आज भी हिन्दू धर्म के यज्ञ और पूजा संस्कृत भाषा में ही होते हैं।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:- संस्कृत भाषा
8. ऋग्वैदिक काल में समाज का स्वरूप किस प्रकार का था?
पितृसत्तात्मक
मातृसत्तात्मक
1 एवं 2 दोनों
केवल 1
9. बुद्ध को किस नदी के तट पर ज्ञान प्राप्त हुआ?
निरंजना
ऋजुपालिका
गंगा
यमुना
10. पूर्णिमा की रात के बारे में कौन-सा कथन महात्मा बुद्ध के लिए महत्त्वपूर्ण है?
पूर्णिमा को ही बुद्ध का जन्म हुआ
पूर्णिमा को बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया
पूर्णिमा की ही रात को बुद्ध ने गृह-त्याग किया
पूर्णिमा को ही बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ।
11. महात्मा बुद्ध के विषय में निम्न में से क्या असत्य है?
अनीश्वरवादी थे
अनात्मवादी थे
पुनर्जन्म में विश्वास नहीं करते थे
यज्ञीय कर्म काण्ड एवं पशुबलि के विरोधी थे
12. किस बौद्ध ग्रंथ में सर्वप्रथम संस्कृत का प्रयोग हुआ?
सुत्तपिटक
विनयपिटक
अभिधम्मपिटक
महावस्तु
13. बुद्ध ने सर्वाधिक उपदेश कहाँ पर दिये?
वैशाली
श्रावस्ती
चम्पा
राजगृह
→ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा-बहराइच ज़िलों की सीमा पर यह बौद्ध तीर्थ स्थान है। गोंडा-बलरामपुर से 12 मील पश्चिम में आधुनिक सहेत-महेत गाँव ही श्रावस्ती है। पहले यह कौशल देश की दूसरी राजधानी थी, भगवान राम के पुत्र लव ने इसे अपनी राजधानी बनाया था, श्रावस्ती बौद्ध जैन दोनों का तीर्थ स्थान है, तथागत श्रावस्ती में रहे थे, यहाँ के श्रेष्ठी अनाथपिण्डिक ने भगवान बुद्ध के लिये जेतवन बिहार बनवाया था, आजकल यहाँ बौद्ध धर्मशाला, मठ और मन्दिर है। ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:- श्रावस्ती
14. शिव-भक्ति के विषय में प्रारम्भिक जानकारी निम्न में से किसमें मिलती है?
सैन्धव सभ्यता से
वैदिक काल से
संगम काल से
मौर्य काल से
15. राजा राममोहन राय के प्रथम शिष्य, जिन्होंने उनके मरणोपरांत 'ब्रह्म समाज' का नेतृत्व सँभाला था?
द्वारकानाथ टैगोर
रामचन्द्र विद्यावागीश
केशवचन्द्र सेन
देवेन्द्रनाथ टैगोर
1. वह राष्ट्रकूट शासक कौन था, जिसकी तुलना उदार तथा विद्वानों के संरक्षक के रूप में विख्यात राजा विक्रमादित्य से की गई है?
गोविन्द तृतीय
ध्रुव चतुर्थ
कृष्ण तृतीय
अमोघवर्ष
2. भावी बुद्ध की किस रूप में जन्म लेने की कल्पना की गई है?
मैत्रेय
सामन्त भद्र
काश्यप
शाक्य मुनि
3. कृष्ण का प्रारम्भिक नाम 'वासुदेव' किस समय प्रचलन में आया?
पाणिनी काल
महाभारत काल
मौर्यकाल
गुप्त काल
4. 'आना' सिक्के का प्रचलन किस मुग़ल सम्राट ने करवाया?
अकबर
शाहजहाँ
जहाँगीर
औरंगज़ेब
5. वैष्णव मत किन शासकों के संरक्षण में अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँचा?
मौर्य
कुषाण
शुंग
गुप्त
6. जैन परम्परा के अनुसार जैन धर्म में कुल कितने तीर्थकर हुए हैं?
25
20
24
23
7. निम्नलिखित में से किस मुग़ल बादशाह ने राजा राममोहन राय को दूत बनाकर लंदन भेजा था?
आलमगीर द्वितीय
शाहआलम द्वितीय
अकबर द्वितीय
बहादुरशाह द्वितीय
8. वैज्ञानिक समाज की स्थापना की थी?
विल्टन कम्पनी ने
लॉर्ड कार्नवालिस ने
सर सैयद अहमद ख़ाँ ने
इनमें से कोई नहीं
9. महाभारत में माद्री, देवकी, भद्रा, रोहिणी, मदिरा, आदि स्त्रियों का वर्णन किस सन्दर्भ में किया है?
धार्मिक उपासना के सन्दर्भ में
पति के साथ सती होने के सन्दर्भ में
गणिकाओं के रूप में
उपर्युक्त में से कोई नहीं
10. अशोक के कुल कितने मुहालेख अब तक मिले हैं?
5
3
7
14
11. कोपेनहेगन संग्रहालय की सामग्री से पाषण, कांस्य और लौहयुग का त्रियुगीय विभाजन किया था?
थॉमसन ने
लुब्बाक ने
टेलर ने
चाइल्ड ने
12. ऋग्वेद में निम्नलिखित किन नदियों का उल्लेख अफ़ग़ानिस्तान के साथ आर्यों के सम्बन्ध का सूचक है?
असिक्नी
परुष्नी
कुभा, क्रम
विपाश, सुतुद्रि
13. बुद्ध का किसके सिक्कों पर अंकन हुआ है?
विम कडफ़ाइसिस
कनिष्क
नहपाण
बुद्ध गुप्त
14. माउण्ट आबू का जैन मन्दिर किससे बना है?
बलुए पत्थर से
ग्रेनाइट से
चूना पत्थर से
संगमरमर से
15. 'यापनीय' किसका सम्प्रदाय था?
बौद्ध धर्म का
जैन धर्म का
शैव धर्म का
वैष्णव धर्म का
1. किस देवता के लिए ऋग्वेद में 'पुरंदर' शब्द का प्रयोग हुआ है?
इंद्र
अग्नि
वरुण
सोम
2. 'असतो मा सदगमय' कहाँ से लिया गया है?
ऋग्वेद
यजुर्वेद
अथर्ववेद
सामवेद
3. आर्य भारत में बाहर से आए और सर्वप्रथम बसे थे?
सामातट में
प्रागज्योतिष में
पंजाब में
पांचाल में
4. वैशेषिक दर्शन के प्रतिपादक हैं?
कपिल
अक्षपाद गौतम
उलूक कणद
पतंजलि
5. 'गोत्र' व्यवस्था प्रचलन में कब आई?
ऋग्वैदिक काल में
उत्तर वैदिक काल में
महाकाव्य काल में
सूत्रकाल में
6. किस राजा के शासन काल में ईसाई धर्म प्रचारक 'सेंट थामस' भारत आया?
मिनाण्डर
रुद्रदामन
गोन्दोफिर्नस
कनिष्क
7. सातवाहन शासकों की राजकीय भाषा क्या थी?
पालि
संस्कृत
प्राकृत
उपर्युक्त में से कोई नहीं
8. किस कुषाण शासक ने सर्वाधिक स्वर्ण मुद्रायें जारी की?
कडफिसस प्रथम
कडफिसस द्वितीय
कनिष्क
विमकडफिसस
9. किस वंश के शासकों ने 'क्षत्रप प्रणाली' का प्रयोग किया?
कुषाणों ने
हिन्द-यवनों ने
ईरानियों ने
शकों ने
10. प्राचीन भारत में सर्वप्रथम किस वंश के शासकों ने 'द्वैध शासन प्रणाली' की शुरुआत की?
शकों ने
गुप्तों ने
कुषाणों ने
मौर्यों ने
11. निम्न में से किस विद्वान ने कनिष्क की राजसभा को सुशोभित नहीं किया?
अश्वघोष
नागार्जुन
वसुमित्र
बसुबन्धु
12. सर्वप्रथम रोम के साथ किन लोगों का व्यापार प्रारम्भ हुआ?
कुषाणों का
तमिलों एवं चेरों का
वाकाटकों का
शकों का
13. प्रसिद्ध 'रेशम मार्ग' पर किस वंश के शासकों का अधिकार था?
मौर्यों का
शकों का
कुषाणों का
गुप्तों का
14. किस काल में अछूत की अवधारणा स्पष्ट रूप से उदित हुयी?
ऋग्वैदिक काल
उत्तर वैदिक काल
धर्मशास्त्र के काल
उत्तर-गुप्त काल
15. प्राचीन भारत में 'निष्क' से जाने जाते थे?
स्वर्ण आभूषण
गायें
ताँबे के सिक्के
चाँदी के सिक्के
1. आर्य भारत में संभवतः आये?
यूरोप से
मध्य एशिया से
पूर्वी एशिया से
अन्य क्षेत्रों से
2. कौन-सा वेद अंशतः गद्य रूप में भी रचित है?
ऋग्वेद
यजुर्वेद
सामवेद
अथर्ववेद
→
यजुर्वेद का आवरण पृष्ठ
'यजुष' शब्द का अर्थ है- 'यज्ञ'। यर्जुवेद मूलतः कर्मकाण्ड ग्रन्थ है। इसकी रचना कुरुक्षेत्र में मानी जाती है। यजुर्वेद में आर्यो की धार्मिक एवं सामाजिक जीवन की झांकी मिलती है। इस ग्रन्थ से पता चलता है कि आर्य 'सप्त सैंधव' से आगे बढ़ गए थे और वे प्राकृतिक पूजा के प्रति उदासीन होने लगे थे। यर्जुवेद के मंत्रों का उच्चारण 'अध्वुर्य' नामक पुरोहित करता था।ध्यान दें अधिक जानकारी के लिए देखें:- यजुर्वेद
3. 'सभा और समिति प्रजापति की दो पुत्रियाँ थी' का उल्लेख किस वेद में मिलता है?
ऋग्वेद में
यजुर्वेद में
सामवेद में
अथर्ववेद में
→
अथर्ववेद का आवरण पृष्ठ
अथर्ववेद की भाषा और स्वरूप के आधार पर ऐसा माना जाता है कि इस वेद की रचना सबसे बाद में हुई। अथर्ववेद के दो पाठों (शौनक और पैप्पलद) में संचरित हुए लगभग सभी स्तोत्र ॠग्वेदीय स्तोत्रों के छंदों में रचित हैं। दोनो वेदों में इसके अतिरिक्त अन्य कोई समानता नहीं है।ध्यान दें अधिक जानकारी के लिए देखें:- अथर्ववेद
4. ब्राह्मण ग्रंथों में सर्वाधिक प्राचीन कौन है?
ऐतरेय ब्राह्मण
शतपथ ब्राह्मण
गोपथ ब्राह्मण
पंचविश ब्राह्मण
→ शतपथ ब्राह्मण शुक्ल यजुर्वेद के दोनों शाखाओं काण्व व माध्यन्दिनी से सम्बद्ध है। यह सभी ब्राह्मण ग्रन्थों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ है। इसके रचयिता याज्ञवल्क्य को माना जाता है। शतपथ के अन्त में उल्लेख है- 'ष्आदिन्यानीमानि शुक्लानि यजूशि बाजसनेयेन याज्ञावल्येन ख्यायन्ते।' शतपथ ब्राह्मण में 14 काण्ड हैं जिसमें विभिन्न प्रकार के यज्ञों का पूर्ण एवं विस्तृत अध्ययन मिलता है। 6 से 10 काण्ड तक को शाण्डिल्य काण्ड कहते हैं।ध्यान दें अधिक जानकारी के लिए देखें:- शतपथ ब्राह्मण
5. 'गोत्र' व्यवस्था प्रचलन में कब आई?
ऋग्वैदिक काल में
उत्तर-वैदिक काल में
महाकाव्य काल में
सूत्रकाल में
6. वैदिक युग में 'यव' कहा जाता था?
गेहूँ को
जौ को
चावल को
इनमें से कोई नहीं
7. प्राचीनतम व्याकरण 'अष्टाध्यायी' के रचनाकार हैं?
गौतम
कपिल
पतंजलि
पाणिनि
→ पाणिनि (500 ई पू) संस्कृत व्याकरण शास्त्र के सबसे बड़े प्रतिष्ठाता और नियामक आचार्य थे। इनका जन्म पंजाब के शालातुला में हुआ था जो आधुनिक पेशावर (पाकिस्तान) के क़रीब तत्कालीन उत्तर पश्चिम भारत के गांधार में हुआ था। इनका जीवनकाल 520-460 ईसा पूर्व माना जाता है। इनके व्याकरण को अष्टाध्यायी कहते हैं।ध्यान दें अधिक जानकारी के लिए देखें:- पाणिनि
8. निम्न में से कौन-सी स्मृति प्राचीनतम है?
मनुस्मृति
याज्ञवल्क्य स्मृति
नारद स्मृति
पाराशर स्मृति
→ भारत में वेदों के उपरान्त सर्वाधिक मान्यता और प्रचलन ‘मनुस्मृति’ का ही है । इसमें चारों वर्णों, चारों आश्रमों, सोलह संस्कारों तथा सृष्टि उत्पत्ति के अतिरिक्त राज्य की व्यवस्था, राजा के कर्तव्य, भांति-भांति के विवादों, सेना का प्रबन्ध आदि उन सभी विषयों पर परामर्श दिया गया है जो कि मानव मात्र के जीवन में घटित होने सम्भव हैं यह सब धर्म-व्यवस्था वेद पर आधारित है।ध्यान दें अधिक जानकारी के लिए देखें:- मनुस्मृति
9. 'आदि काव्य' की संज्ञा किसे दी जाती है?
रामायण
महाभारत
गीता
भागवत पुराण
→
रामायण
रामायण कवि वाल्मीकि द्वारा लिखा गया संस्कृत का एक अनुपम महाकाव्य है। इसके 24,000 श्लोक हिन्दू स्मृति का वह अंग हैं जिसके माध्यम से रघुवंश के राजा राम की गाथा कही गयी।ध्यान दें अधिक जानकारी के लिए देखें:- रामायण
10. ऋग्वेद में सबसे पवित्र नदी किसे माना गया है?
सिन्धु
सरस्वती
परुष्णी
शतुद्रि
→
सरस्वती नदी
कई भू-विज्ञानी मानते हैं, और ऋग्वेद में भी कहा गया है, कि हज़ारों साल पहले सतलुज (जो सिन्धु नदी की सहायक नदी है) और यमुना (जो गंगा की सहायक नदी है) के बीच एक विशाल नदी थी जो हिमालय से लेकर अरब सागर तक बहती थी। आज ये भूगर्भी बदलाव के कारण सूख गयी है। ऋग्वेद में, इस नदी सरस्वती को 'नदीतमा' की उपाधि दी गयी है। उस सभ्यता में सरस्वती ही सबसे बड़ी और मुख्य नदी थी, गंगा नहीं।ध्यान दें अधिक जानकारी के लिए देखें:- सरस्वती नदी
11. थानेश्वर में वर्धन वंश की स्थापना किसने की थी?
राज्यवर्धन
आदित्यवर्धन
पुष्यभूतिवर्धन
नरवर्धन
12. हर्षवर्धन प्रत्येक पाँच वर्ष के बाद कहाँ पर सम्मेलन आयोजित करता था?
कन्नौज
वल्लभि
प्रयाग
थानेश्वर
→ प्रयाग में आत्मघात करने वाले को पुराणों के अनुसार मोक्ष की प्राप्ति होती है। पुराणों के अनुसार जो योगी गंगा-यमुना के संगम पर आत्महत्या करके स्वर्ग को प्राप्त करता है, वह पुन: नरक नहीं देख सकता। प्रयाग में वैश्यों और शूद्रों के लिए आत्महत्या विवशता की स्थिति में यदा-कदा ही मान्य थी। किन्तु ब्राह्मणों और क्षत्रियों के द्वारा आत्म-अग्न्याहुति दिया जाना एक विशेष विधान के अनुसार उचित था। अत: जो ऐसा करना चाहें तो ग्रहण के दिन यह कार्य सम्पन्न करते थे, या किसी व्यक्ति को मूल्य देकर डूबने के लिए क्रय कर लेते थे।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-प्रयाग
13. कदम्ब राज्य के संस्थापक 'मयूरदर्शन' ने किसे अपनी राजधानी बनाया था?
बंगाल
कन्नौज
वैजयंती या बनवासी
इनमें में से कोई नहीं
14. किस संगमयुगीन चेर शासक ने ‘पत्तिनी पूजा’ या ‘कण्णगी पूजा’ की प्रथा को प्रारम्भ करवाया था?
कुट्टवन
उदियनजेरल
शेनगुट्टुवन
नेदुनजेरल आदन
15. संगम युगीन अंत्येष्टि सम्बन्धी कथन में कौन-सा असत्य है?
ताबूत में दफन करना
दाह संस्कार करना
सीधा दफन करना
पक्षियों व जानवरों के लिए खुला छोड़ देना
1. टीपू सुल्तान ने किस क्लब की सदस्यता प्राप्त कर श्रीरंगपट्टनम में स्वतंत्रता का वृक्ष रोपा था?
लॉयन्स क्लब
जैकोबिन क्लब
फ्रीडम फाइटर्स क्लब
ईस्ट इण्डिया क्लब
2. दादाभाई नौरोजी ने अंग्रेज़ों की किस नीति को 'अनिष्टों का अनिष्ट' कहा था?
भारतीयों के प्रति अत्याचार की नीति
भारतीयों के प्रति शोषण की नीति
शैक्षणिक परिवेश में विकृति लाने की नीति
भारत से धन निष्कासन की नीति
3. भारत में कृषि का प्राचीनतम साक्ष्य कहाँ से मिलता है?
हड़प्पा
मेहरगढ़
सराय नहर
बुर्ज़होम
4. अब तक सिंधु सभ्यता में कुल कितनी फ़सलों के उगाये जाने का संकेत मिल चुका है?
तीन
पाँच
नौ
ग्यारह
5. उत्तरोत्तर हड़प्पा संस्कृति के अवशेष कहाँ से मिलते हैं?
रंगपुर
कालीबंगा
लोथल
रोपड़
6. सूरकोटदा किस लिए प्रसिद्ध है?
परिपक्व हड़प्पा संस्कृति के लिए
घोड़े की हड्डियों के अवशेष के लिए
युगल शवाधान के लिए
उपर्युक्त सभी के लिए
7. अमरकोश में कुल कितने प्रकार की भूमि का वर्णन मिलता है?
16
12
15
14
8. भारतीय मज़दूरों के असंतोष की अभिव्यक्ति सर्वप्रथम कहाँ के मज़दूरों की हड़ताल के रूप में देखने को मिलती है?
नागपुर
कलकत्ता
अहमदाबाद
बम्बई
9. मोहन जोदड़ो की सबसे बड़ी इमारत निम्न में से कौन सी है?
अन्नागार
स्नानागार
ईटों से बना सभा भवन
उपर्युक्त में से कोई नहीं
10. सिंधु सभ्यता में कुम्भकारों के भट्ठों के अवशेष कहाँ मिलते हैं?
हड़प्पा में
कालीबंगा में
मोहन जोदड़ो में
लोथल में
11. सैन्धव निवासियों का प्रिय पशु निम्न में से कौन-सा था?
कुत्ता
साँड़
घोड़ा
ऊँट
12. हड़प्पा सभ्यता के अंतर्गत हल से जोते गये खेतों का साक्ष्य कहाँ से मिलता है?
रोपड़
लोथल
कालीबंगा
वनमाली
13. हड़प्पा सभ्यता की प्रमुख विशेषता निम्न में से कौन-सी है?
स्नानागार
धार्मिक स्थल
नगर नियोजन
अन्नागार
14. वैदिक साहित्य के अंतर्गत आने वाले निम्नलिखित ग्रंथों में कौन बेमेल है?
स्मृतियाँ
वेद
उपनिषद
आरण्यक
15. ऋग्वेद का वह कौन-सा प्रतापी देवता है, जिसका 250 सूक्तों में वर्णन मिलता है?
अग्नि
इन्द्र
वरुण
द्यौ
1. भारत के इतिहास के सन्दर्भ में 'अब्दुल हमीद लाहौरी' कौन था?
अकबर के शासन में एक महत्त्वपूर्ण सैन्य कमाण्डर
शाहजहाँ के शासन का एक राजकीय इतिहासकार
औरंगज़ेब का एक महत्त्वपूर्ण सामन्त तथा विश्वासपात्र
मुहम्मदशाह के शासन में एक इतिहासकार एवं कवि
→
Shahjahan on The Peacock Throne.jpg
नूरजहाँ के रुख को अपने प्रतिकूल जानकर शाहजहाँ ने 1622 ई. में विद्रोह कर दिया, जिसमें वह पूर्णतः असफल रहा। 1627 ई. में जहाँगीर की मृत्यु के उपरान्त शाहजहाँ ने अपने ससुर आसफ़ ख़ाँ को यह निर्देश दिया, कि वह शाही परिवार के उन समस्त लोगों को समाप्त कर दें, जो राज सिंहासन के दावेदार हैं। जहाँगीर की मृत्यु के समय शाहजहाँ दक्षिण में था।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-शाहजहाँ
2. 'धरमट का युद्ध' (अप्रैल 1658) निम्न में से किनके बीच बीच लड़ा गया था?
मुहम्मद ग़ोरी और जयचन्द्र
बाबर और अफ़ग़ान
औरंगज़ेब और दारा शिकोह
अहमदशाह और मराठा
→ अपने साम्राज्य विस्तार के अन्तर्गत औरंगज़ेब ने सर्वप्रथम असम को अपने अधिकार में करना चाहा। उसने मीर जुमला को बंगाल का सूबेदार नियुक्त किया और उसे असम को जीतने की ज़िम्मेदारी सौंपी। 1 नवम्बर, 1661 ई. को मीर जुमला ने कूचबिहार की राजधानी को अपने अधिकार में कर लिया। असम पर उस समय अहोम जाति के लोग शासन कर रहे थे। मीर जुमला ने अहोमों को परास्त कर 1662 ई. में ‘गढ़गाँव’ पर क़ब्ज़ा कर लिया।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-औरंगज़ेब
→
Dara-Shikoh.jpg
दारा शिकोह की उम्र जिस समय 43 वर्ष की थी और वह पिता के 'तख़्त-ए-ताऊस' को उत्तराधिकार में पाने की उम्मीद रखता था। लेकिन तीनों छोटे भाइयों, ख़ासकर औरंगज़ेब ने उसके इस दावे का विरोध किया। फलस्वरूप दारा को उत्तराधिकार के लिए अपने इन भाइयों के साथ में युद्ध करना पड़ा। लेकिन शाहजहाँ के समर्थन के बावजूद दारा की फ़ौज 15 अप्रैल 1658 ई. को धरमट के युद्ध में औरंगज़ेब और मुराद बख़्श की संयुक्त फ़ौज से परास्त हो गई।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-दारा शिकोह
3. मुग़ल काल में निम्नलिखित बन्दरगाहों में से किसको 'बाबूल मक्का' (मक्का द्वार) कहा जाता था?
कालीकट
भड़ौच
खम्भात
सूरत
→
Parle-Point-Surat.jpg
पुर्तग़ालियों द्वारा (1512 एवं 1530) सूरत को जला दिए जाने के बाद यह एक बड़ा विक्रय केंद्र बना, जहाँ से कपड़े और सोने का निर्यात होता था। वस्त्रोद्योग और जहाज़ निर्माण यहाँ के मुख्य उद्योग थे। अंग्रेज़ों ने 1612 में पहली बार अपनी व्यापारिक चौकी यहीं पर स्थापित की थी। यहाँ के सूती, रेशमी, किमख़्वाब (जरीदार कपड़ा) के वस्त्र तथा सोने व चाँदी की वस्तुएँ प्रसिद्ध हैं।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-सूरत
4. दिल्ली का पुराना क़िला किसके द्वारा बनवाया गया था?
शेरशाह
अकबर
शाहजहाँ
हुमायूँ
→
Shershah Tomb2.jpg
शेरशाह ने बंगाल के सोनागाँव से लेकर पंजाब में सिंधु नदी तक, आगरा से राजस्थान और मालवा तक पक्की सड़कें बनवाई थीं। सड़कों के किनारे छायादार एवं फल वाले वृक्ष लगाये गये थे, और जगह-जगह पर सराय, मस्जिद और कुओं का निर्माण कराया गया था। ब्रजमंडल के चौमुहाँ गाँव की सराय और छाता गाँव की सराय का भीतरी भाग उसी के द्वारा निर्मित हैं।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-शेरशाह
5. अमरकोट के राजा वीरसाल के महल में किस मुग़ल बादशाह का जन्म हुआ था?
बाबर
औरंगज़ेब
अकबर
जहाँगीर
→
Akbar-Receives-An-Embassy.jpg
अकबर का जन्म अमरकोट के राणा ‘वीरसाल’ के महल में हुआ था। आजकल कितने ही लोग अमरकोट को 'उमरकोट' समझने की ग़लती करते हैं। वस्तुत: यह इलाका राजस्थान का अभिन्न अंग था। आज भी वहाँ हिन्दू राजपूत बसते हैं। रेगिस्तान और सिंध की सीमा पर होने के कारण अंग्रेज़ों ने इसे सिंध के साथ जोड़ दिया और विभाजन के बाद वह पाकिस्तान का अंग बन गया। अकबर के बचपन का नाम 'बदरुद्दीन' था।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-अकबर
6. मुग़ल दरबार में ‘पर्दा शासन’ के लिए ज़िम्मेदार ‘अतका खेल’ या ‘हरम दल’ की सर्वप्रमुख सदस्या कौन थी?
माहम अनगा
हमीदा बानू
मेहरुन्निसा
जहाँआरा बेगम
→ माहम अनगा बादशाह अकबर के बचपन में उसकी मुख्य अनगा (दूधमाता) थी। वह एक कटु राजनीतिज्ञ महिला और अदहम ख़ाँ की माँ थी। वह हरम के अन्दर उस दल में सम्मिलित थी, जो बैरम ख़ाँ के राज्य का सर्वेसर्वा बने रहने का विरोधी था। उसने अकबर को बैरम ख़ाँ के हाथ से सल्तनत की बाग़डोर छीनने के लिए प्रोत्साहित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-माहम अनगा
7. निम्न इतिहासकारों में से किसने अकबर को इस्लाम धर्म का शत्रु कहा है?
अब्बास ख़ाँ सरवानी
बदायूंनी
अहमद ख़ाँ
मीर अलाउद्दौला कजवीनी
→ बचपन में बदायूंनी 'बसबार' में रहे और सम्भल व आगरा में उन्होंने अध्ययन किया। 1562 में वह बदायूँ गए, वहाँ से पटियाला जाकर वह एक स्थानी राजा हुसैन ख़ाँ की सेवा में चले गए, जहाँ वह नौ वर्षों तक रहे। दरबार छोड़ने के बाद उन्होंने अपनी शिक्षा जारी रखी और विभिन्न मुस्लिम रहस्यवादियों के साथ अध्ययन किया। 1574 में बदायूंनी, अब्दुल क़ादिर मुग़ल बादशाह अकबर के दरबार में पेश किए गए।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-बदायूंनी
8. अकबर ने किसे ‘कविराय’ या ‘कविराज’ की उपाधि प्रदान की थी?
बीरबल
अबुल फ़ज़ल
फ़ैज़ी
अब्दुर्रहीम ख़ानख़ाना
→
बीरबल
अकबर के नवरत्नों में सबसे अधिक लोक-प्रसिद्ध बीरबल कानपुर के कान्यकुब्ज ब्राह्मण गंगादास के पुत्र थे। बीरबल का असली नाम महेशदास था। कुछ इतिहासकारों ने बीरबल को राजपूत सरदार बताया है। बीरबल अकबर के स्नेहपात्र थे। अकबर ने बीरबल को 'राजा' और 'कविराय' की उपाधि से सम्मानित किया था। पर उनका साहित्यिक जीवन अकबर के दरबार में मनोरंजन करने तक ही सीमित रहा।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-बीरबल
9. जहाँगीर के निर्देश पर किसने अबुल फ़ज़ल की हत्या की थी?
युसूफजाइयों ने
उजबेगों ने
वीरसिंह बुन्देला ने
अफ़ग़ानियों ने
10. ‘मैंने अपना राज्य अपनी प्यारी बेगम के हाथों में एक प्याला शराब और एक प्याला शोरबे के लिए बेच दिया है।’ यह कथन किस बादशाह का है?
जहाँगीर
शाहजहाँ
औरंगज़ेब
हुमायूँ
→
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जहाँगीर ने अपने उत्तर जीवन में शासन का समस्त भार नूरजहाँ को सौंप दिया था। वह स्वयं शराब पीकर निश्चिंत पड़े रहने में ही अपने जीवन की सार्थकता समझता था। शराब की बुरी लत और ऐश−आराम ने उसके शरीर को निकम्मा कर दिया था। वह कोई महत्त्वपूर्ण कार्य नहीं कर सकता था। सौभाग्य से अकबर के काल में मुग़ल साम्राज्य की नींव इतनी सृदृढ़ रखी गई थी, कि जहाँगीर के निकम्मेपन से उसमें कोई ख़ास कमी नहीं आई थी।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-जहाँगीर
11. ‘जो चित्रकला के शत्रु हैं, मैं उनका शत्रु हूँ।’ यह कथन किस बादशाह का है?
शिवाजी
राणा प्रताप
जहाँगीर
शेरशाह
→ जहाँगीर के चरित्र में एक अच्छा लक्षण था - प्रकृति से ह्रदय से आनंद लेना तथा फूलों को प्यार करना, उत्तम सौन्दर्य, बोधात्मक रुचि से सम्पन्न। स्वयं चित्रकार होने के कारण जहाँगीर कला एवं साहित्य का पोषक था। उसका ‘तुजूके-जहाँगीरी’ संस्मरण उसकी साहित्यिक योग्यता का प्रमाण है। उसने कष्टकर चुंगियों एवं करों को समाप्त किया तथा हिजड़ों के व्यापार का निषेध करने का प्रयास किया।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-जहाँगीर
12. किस जाट नेता ने बादशाह अकबर के मक़बरे (सिकन्दरा) को हानि पहुँचाई तथा अकबर की क़ब्र को खोदकर उसकी अस्थियों को जला दिया?
गोकुला
राजाराम
चूड़ामणि
बदनसिंह
→ सन् 1688, मार्च में राजाराम ने आक्रमण किया। राजाराम ने अकबर के मक़बरे को लगभग तोड़ ही दिया था। यह निश्चय मुग़लों की प्रभुता का प्रतीक था। मनूची का कथन है कि जाटों ने लूटपाट "काँसे के उन विशाल फाटकों को तोड़कर शुरू की, जो इसमें लगे थे; उन्होंने बहुमूल्य रत्नों और सोने-चाँदी के पत्थरों को उखाड़ लिया और जो कुछ वे ले जा नहीं सकते थे, उसे उन्होंने नष्ट कर दिया।"ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-राजाराम
13. किस मुग़ल बादशाह को उसकी प्रजा ‘शाही वेश में एक फ़कीर’ कहती थी?
दारा शिकोह
अस्करी
शाहजहाँ
औरंगज़ेब
→ डा. रामधारीसिंह का कथन है− 'बाबर से लेकर शाहजहाँ तक मुग़लों ने भारत की जिस सामाजिक संस्कृति को पाल−पोस कर खड़ा किया था, उसे औरंगज़ेब ने एक ही झटके से तोड़ डाला और साथ ही साम्राज्य की कमर भी तोड़ दी। वह हिन्दू जनता का ही नहीं सूफियों का भी दुश्मन था और सरमद जैसे संत को उसने सूली पर चढ़ा दिया।'ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-औरंगज़ेब
14. राजपूताना के निम्न राज्यों में से किस एक राज्य ने अकबर की संप्रभुता स्वीकार नहीं की थी?
आमेर
मेवाड़
बीकानेर
राजस्थान
→
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अकबर ने सन 1624 में मेवाड़ पर आक्रमण कर चित्तौड़ को घेर लिया, पर राणा उदयसिंह ने उसकी अधीनता स्वीकार नहीं की थी और प्राचीन 'आधाटपुर' के पास उदयपुर नामक अपनी राजधानी बसाकर वहाँ चला गया था। उनके बाद महाराणा प्रताप ने भी युद्ध जारी रखा और अधीनता नहीं मानी थी। उनका हल्दीघाटी का युद्ध इतिहास प्रसिद्ध है।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-मेवाड़
15. शिवाजी के 'अष्टप्रधान' का जो सदस्य विदेशी मामलों की देख-रेख करता था, वह कौन था?
पेशवा
सचिव
बालाजी बाजीराव
सुमन्त
1. गुप्त काल का सर्वप्रमुख गणितज्ञ एवं खगोलविद निम्न में से कौन था?
वराहमिहिर
आर्यभट्ट
बाणभट्ट
ब्रह्मगुप्त
→ आर्यभट्टीय‘नामक ग्रंथ की रचना करने वाले आर्यभट्ट अपने समय के सबसे बड़े गणितज्ञ थे। आर्यभट्ट ने दशमलव प्रणाली का विकास किया। आर्यभट्ट के प्रयासों के द्वारा ही खगोल विज्ञान को गणित से अलग किया जा सका। आर्यभट्ट ऐसे प्रथम नक्षत्र वैज्ञानिक थे, जिन्होंने यह बताया कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती हुई सूर्य के चक्कर लगाती है। इन्होनें सूर्य ग्रहण एवं चन्द्र ग्रहण होने के वास्तविक कारण पर प्रकाश डाला। आर्यभट्ट ने सूर्य सिद्धान्त लिखा।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-आर्यभट्ट
2. अपने प्रशासन में पश्चिमी प्रक्रियाओं को अपनाने वाला पहला भारतीय शासक कौन था?
शिवाजी
बाजीराव प्रथम
टीपू सुल्तान
हैदर अली
→
टीपू सुल्तान
टीपू सुल्तान का जन्म 20 नवम्बर सन 1750 ई. को देवनहल्ली, वर्तमान में कर्नाटक के कोलर ज़िले में हुआ था। टीपू सुल्तान के पिता का नाम हैदर अली था। मैसूर के शेर के नाम से मशहूर टीपू सुल्तान न सिर्फ़ अत्यंत दिलेर और बहादुर थे, बल्कि एक कुशल योजनाकार भी थे। उन्होंने अपने शासनकाल में कई सड़कों का निर्माण कराया और सिंचाई व्यवस्था के पुख्ता इंतज़ाम किए। उन्होंने एक बाँध की नींव भी रखी।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-टीपू सुल्तान
3. पुरी के जगन्नाथ मंदिर का निर्माण किसने कराया था?
अनंतवर्मन चोडगंग
आदित्यवर्मन चोडगंग
नरसिंह वर्मन प्रथम
परमेश्वर वर्मन प्रथम
4. परमार वंश के किस शासक ने 'कविराज' की उपाधि ग्रहण की थी?
यशोवर्मन
भोज
जयवर्मन
नरवर्मन
→ 'रामभद्र' का उत्तराधिकारी 'मिहिरभोज' (भोज प्रथम) (836 से 889 ई.) गुर्जर प्रतिहार वंश का सर्वाधिक प्रतापी एवं महान शासक हुआ। उसने 836 ई. के लगभग कन्नौज को अपनी राजधानी बनाया, जो आगामी सौ वर्षों तक प्रतिहारों की राजधानी बनी रही। भोज ने जब पूर्व दिशा की ओर अपने साम्राज्य का विस्तार करना चाहा, तो उसे बंगाल के पाल शासक धर्मपाल से पराजित होना पड़ा। 842 से 860 ई. के बीच उसे राष्ट्रकूट शासक ध्रुव ने भी पराजित किया।।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-भोज
5. किस गुप्त कालीन शासक के समय में हूणों ने भारत पर आक्रमण किया?
चन्द्रगुप्त प्रथम
समुद्रगुप्त
महेन्द्रगुप्त
स्कन्दगुप्त
6. चन्देलों की राजधानी कहाँ स्थित थी?
खजुराहो
महोबा
झाँसी
ग्वालियर
→
खजुराहो मंदिर, मध्य प्रदेश
खजुराहो का प्राचीन नाम 'खर्जुरवाहक' है। 900 से 1150 ई. के बीच यह चन्देल राजपूतों के राजघरानों के संरक्षण में राजधानी और नगर था, जो एक विस्तृत क्षेत्र 'जेजाकभुक्ति' (अब मध्य प्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र) के शासक थे। चन्देलों के राज्य की नींव आठवीं शती ई. में महोबा के चन्देल नरेश चंद्रवर्मा ने डाली थी। तब से लगभग पाँच शतियों तक चन्देलों की राज्यसत्ता जुझौति में स्थापित रही।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-खजुराहो
7. दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने 'चिहालगानी' की स्थापना की थी?
कुतुबुद्दीन ऐबक
इल्तुतमिश
बलबन
रज़िया सुल्तान
→
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इल्तुतमिश (1210- 236 ई.) एक इल्बारी तुर्क था। खोखरों के विरुद्ध इल्तुतमिश की कार्य कुशलता से प्रभावित होकर मुहम्मद ग़ोरी ने उसे “अमीरूल उमरा” नामक महत्त्वपूर्ण पद दिया था। अकस्मात् मुत्यु के कारण कुतुबद्दीन ऐबक अपने किसी उत्तराधिकारी का चुनाव नहीं कर सका था। अतः लाहौर के तुर्क अधिकारियों ने कुतुबद्दीन ऐबक के विवादित पुत्र आरामशाह (जिसे इतिहासकार नहीं मानते) को लाहौर की गद्दी पर बैठाया, परन्तु दिल्ली के तुर्को सरदारों एवं नागरिकों के विरोध के फलस्वरूप कुतुबद्दीन ऐबक के दामाद इल्तुतमिश, जो उस समय बदायूँ का सूबेदार था, को दिल्ली आमंत्रित कर राज्यसिंहासन पर बैठाया गया।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-इल्तुतमिश
8. दिल्ली सल्तनत का पहला सुल्तान कौन था, जिसने सैनिकों को नक़द वेतन देना आरम्भ किया?
इल्तुतमिश
बलबन
अलाउद्दीन ख़िलजी
मुहम्मद बिन तुग़लक़
→ अलाउद्दीन ख़िलजी ने आन्तरिक विद्रोहों को दबाने, बाहरी आक्रमणों का सफलतापूर्वक सामना करने एवं साम्राज्य विस्तार हेतु एक विशाल सुदृढ़ एवं स्थायी सेना का गठन किया। उसने घोड़ों को दाग़ने एवं सैनिकों के हुलिया लिखे जाने के विषय में नवीनतम नियम बनाये। स्थायी सेना को गठित करने वाला अलाउद्दीन पहला सुल्तान था। उसने सेना का केन्द्रीकरण किया और साथ ही सैनिकों की सीधी भर्ती एवं नक़द वेतन देने की प्रथा को प्रारम्भ किया। अमीर खुसरो के वर्णन के आधार पर ‘तुमन’ दस हज़ार सैनिकों की टुकड़ी को कहा जाता था।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:- अलाउद्दीन ख़िलजी
9. अकबर के स्थापत्य कला की महत्त्वपूर्ण उपलब्धि निम्न में से कौन-सी थी?
फ़तेहपुर सीकरी
आगरा का क़िला
लाहौर का क़िला
इलाहाबाद का क़िला
→
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फ़तेहपुर सीकरी आगरा से 22 मील दक्षिण, मुग़ल सम्राट अकबर के बसाए हुए भव्य नगर के खंडहर आज भी अपने प्राचीन वैभव की झाँकी प्रस्तुत करते हैं। अकबर से पूर्व यहाँ फ़तेहपुर और सीकरी नाम के दो गाँव बसे हुए थे, जो अब भी हैं। इन्हें अंग्रेज़ शासक ओल्ड विलेजेस के नाम से पुकारते थे। सन 1527 ई. में चित्तौड़-नरेश राणा साँगा और बाबर ने यहाँ से लगभग दस मील दूर कनवाहा नामक स्थान पर भारी युद्ध हुआ था, जिसकी स्मृति में बाबर ने इस गाँव का नाम फ़तेहपुर कर दिया था। तभी से यह स्थान फ़तेहपुर सीकरी कहलाता है।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-फ़तेहपुर सीकरी
10. नादिरशाह के आक्रमण के समय मुग़ल सम्राट कौन था?
अहमदशाह
मुहम्मदशाह
शाहआलम द्वितीय
अकबर द्वितीय
→ मुबारक शाह के बाद दिल्ली की गद्दी पर मुबारक शाह का भतीजा 'मुहम्मद बिन फ़रीद ख़ाँ' मुहम्मदशाह (1434-1445 ई.) के नाम से गद्दी पर बैठा। उसके शासन काल के 6 महीने उसके वज़ीर 'सरवर-उल-मुल्क' के आधिपत्य में बीते। परन्तु छः महीने उपरान्त ही सुल्तान ने अपने नायब सेनापति 'कमाल-उल-मुल्क' के सहयोग से वज़ीर का वध करवा दिया।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-मुहम्मदशाह
11. 'सन्यासी विद्रोह' किस क्षेत्र में हुआ था?
महाराष्ट्र
उड़ीसा
असम
बंगाल
→
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सन 1757 में प्लासी के युद्ध ने इतिहास की धारा को मोड़ दिया, जब अंग्रेज़ पहली बार बंगाल और भारत में अपने पांव जमा पाए। सन 1905 में राजनीतिक लाभ के लिए अंग्रेज़ों ने बंगाल का विभाजन कर दिया, लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व में लोगों के बढ़ते हुए आक्रोश को देखते हुए 1911 में बंगाल को फिर से एक कर दिया गया। 18वीं शताब्दी के अन्तिम वर्षों में ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध भारत के कुछ भागों में सन्यासियों ने आन्दोलन प्रारम्भ कर दिये थे, इस आन्दोलन को 'सन्यासी विद्रोह' कहा जाता है। ब्रिटिश शासन काल में यह आन्दोलन अधिकतर बंगाल प्रांत में हुआ था।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-बंगाल
12. निम्न में से कौन-सा 'कृषक विद्रोह' नहीं था?
खेड़ा सत्याग्रह
झंडा सत्याग्रह
मोपला
चंपारन सत्याग्रह
13. सिंधु सभ्यता में घोड़े के अवशेष कहाँ से प्राप्त हुए हैं?
लोथल
मोहन जोदड़ो
सुतकोतड़ा
रंगपुर
14. निम्न में से किस स्थान पर चन्द्रगुप्त मौर्य ने जैन धर्म स्वीकार कर अपने शरीर का त्याग किया?
पाटलिपुत्र
तक्षशिला
श्रवणबेलगोला
उज्जयिनी
→
Gomateswara.jpg
श्रवणबेलगोला महल कर्नाटक के मैसूर शहर में स्थित है। श्रवणबेलगोला मैसूर से 84 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ का मुख्य आकर्षण गोमतेश्वर/ बाहुबलि स्तंभ है। बाहुबलि मोक्ष प्राप्त करने वाले प्रथम तीर्थंकर थे। श्रवणबेलगोला नामक कुंड पहाड़ी की तराई में स्थित है। बारह वर्ष में एक बार होने वाले महामस्ताभिषेक में बड़ी संख्या में लोग भाग लेते हैं।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-श्रवणबेलगोला
15. किस सातवाहन नरेश ने 'वेणकटक स्वामी' की उपाधि ग्रहण की थी?
सिमुक
शातकर्णी प्रथम
गौतमीपुत्र सातकर्णि
वाशिष्ठीपुत्र मुलुमावी
→ राजा सातकर्णी के उत्तराधिकारियों के केवल नाम ही पुराणों द्वारा ज्ञात होते हैं। ये नाम 'पूर्णोत्संग' (शासन काल 18 वर्ष), 'स्कन्धस्तम्भि' (18 वर्ष), 'मेघस्वाति' (18 वर्ष) और 'गौतमीपुत्र सातकर्णि' (56 वर्ष) हैं। इनमें गौतमीपुत्र सातकर्णी के सम्बन्ध में उसके शिलालेखों से बहुत कुछ परिचय प्राप्त होता है।ध्यान देंअधिक जानकारी के लिए देखें:-गौतमीपुत्र सातकर्णि
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