हाथी पर chadar डालो और घूमो dal jeb में हाथ/
तालाबों से कमल हटा दो साईकिल भी मत रखना साथ //
सड़कों पर गुजरें हाथी तो उन पर बुर्के डलवा दो /
कमल उखाड़ो हाथ कटाओ तालाबों को ढकवा दो //
ये मूरख फरमान दिया है अपने मित्र कुरैशी ने /
जो करना है वो न करें और जन की आज़ादी छीनें //
लाखों खर्च चुनावों में है इस पर रोक न लगती है /
खामख्वाह के कामों में ही इनकी बुद्धी जगती है //
सत्ता के चकले में इन को राग उसी का जपना है /
ये चुनाव में क्या सुधर लायेंगे ये बस सपना है //
तालाबों से कमल हटा दो साईकिल भी मत रखना साथ //
सड़कों पर गुजरें हाथी तो उन पर बुर्के डलवा दो /
कमल उखाड़ो हाथ कटाओ तालाबों को ढकवा दो //
ये मूरख फरमान दिया है अपने मित्र कुरैशी ने /
जो करना है वो न करें और जन की आज़ादी छीनें //
लाखों खर्च चुनावों में है इस पर रोक न लगती है /
खामख्वाह के कामों में ही इनकी बुद्धी जगती है //
सत्ता के चकले में इन को राग उसी का जपना है /
ये चुनाव में क्या सुधर लायेंगे ये बस सपना है //
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