Saturday 21 January 2012

Chunavi Chakllas

कलमाडी  नौ माह के बाद हुए आजाद/
मगर यही अफ़सोस हें जनता रखे न याद//
जनता रखे न याद सज़ा ये पाते जितनी/
हो जाती हे ऊची इनकी गरदन उतनी//
जनवासा हे जेल इन्हें ये बडे कबाडी/
अभी पडे हें धके छुपे बीसो कलमाडी//

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