Tuesday 6 December 2011

Prachin Parv Or Tyauhar 2

इज़राइल में, जहाँ ईसा मसीह का जन्म हुआ था, क्रिसमस के अवसर पर दुनिया भर के अलग-अलग धर्मों के लोग तीर्थयात्रा पर आते हैं। बेथलेहेम में जिस स्थान पर ईसा ने जन्म लिया था, वहाँ आज 'चर्च ऑफ नेटिविटी' स्थित है। चर्च के आँगन में एक सुनहरा तारा बनाया गया है, कहते हैं कि ठीक उसी स्थान पर ईसा पैदा हुए थे। इस तारे के ऊपर चाँदी के १५ दिये लटके हुए हैं, जो सदैव जलते रहते हैं। क्रिसमस के एक दिन पहले यहाँ लेटिन भाषा में विशेष प्रार्थना के बाद वहाँ घास-फूँस बिछाकर जीज़स के प्रतीक स्वरूप एक बालक की प्रतिमा रख दी जाती है। इज़राइल के बहुसंख्यक यहूदी लोग क्रिसमस के दिन 'हनुक्का' नामक पर्व मनाते हैं। दो हज़ार साल पहले आज ही के दिन यहूदियों ने यूनानियों को हराकर जेस्र्सलेम के मंदिर पर फिर से अपना अधिकार कर लिया था। इस विजय की स्मृति में ही यह त्यौहार मनाया जाता है। कहते हैं कि यूनानियों को मंदिर से खदेड़ने के बाद यहूदियों ने इस मंदिर में जो दिया जलाया था, उसमें तेल केवल एक दिन के लायक होने के बावजूद वह पूरे आठ दिन तक जलता रहा था। यह पर्व यहूदियों को उस चमत्कार की भी याद दिलाता है और इसीलिए यह त्यौहार को प्रकाश का पर्व भी कहा जाता है। दोनों रात साथ बिताते हैं
मेक्सिको में क्रिसमस पर ईसाई धर्म तथा प्राचीन अजटेक धर्म का मिला-जुला स्वरूप देखने को मिलता है। वहाँ यह त्यौहार १६ दिसंबर को ही शुरू हो जाता है। लोग अपने घरों को रंग-बिरंगे फूलों, सदाबहार पेड़-पौधों तथा सुंदर काग़ज़ के कंदीलों से सजाते हैं। सूर्य भगवान की भव्य मूर्ति के समक्ष जीजस के जन्म को दर्शानेवाली झाँकियाँ बनाई जाती हैं। इस दौरान हर शाम को मैरी तथा जोजफ की प्रतीकात्मक यात्रा दिखाई जाती है, जब वे दोनों रात बिताने के लिए एक सराय की खोज में निकलते हैं
यूरोप के देशों में क्रिसमस अलग-अलग प्रकार से मनाया जाता है। फ्रांस में यह मान्यता प्रचलित है कि पेयर फुटार्ड उन सभी बच्चों का ध्यान रखते हैं, जो अच्छे काम करते हैं और 'पेयर नोएल' के साथ मिलकर वे उन बच्चों के उपहार देते हैं। इटली में सांता को 'ला बेफाना' के नाम से जाना जाता है, जो बच्चों को सुंदर उपहार देते हैं। यहाँ ६ जनवरी को भी लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं, क्योंकि उनकी मान्यता के अनुसार इसी दिन 'तीन बुद्धिमान पुरुष' बालक जीजस के पास पहुँचे थे।
हॉलैंड में 'सिंतर क्लास' घोड़े पर सवार होकर बच्चों को उपहार देने आता है। रात को सोने से पहले बच्चे अपने जूतों में 'सिंतर क्लास' के घोड़े के लिए चारा तथा शक्कर भर कर घरों के बाहर रख देते हैं। सुबह उठने के बाद जब वे घर से निकलकर अपने जूतों की तरफ़ दौड़ते हैं, तब उन्हें उनमें घास तथा शक्कर के स्थान पर चाकलेट तथा मेवा भरे देखकर बहुत आश्चर्य होता है। हालैंड के पड़ोसी बेल्जियम में सांता को सैंट निकोलस के नाम से जाना जाता है। सेंट निकोलस दो बार लोगों के घर जाते हैं। पहले ४ दिसंबर को बच्चों का व्यवहार देखने जाते हैं, उसके बाद ६ दिसंबर को वे अच्छे बच्चों को उपहार देने जाते हैं।
आइसलैंड में यह दिन एक अनोखे ढंग से मनाया जाता है। वहाँ एक के बजाय १३ सांता क्लाज होते हैं और उन्हें एक पौराणिक राक्षस 'ग्रिला' का वंशज माना जाता है। उनका आगमन १२ दिसंबर से शुरू होता है और यह क्रिसमस वाले दिन तक जारी रहता है। ये सभी सांता विनोदी स्वभाव के होते हैं। इसके विपरीत डेनमार्क में 'जुलेमांडेन' (सांता) बर्फ़ पर चलनेवाली गाड़ी- स्ले पर सवार होकर आता है। यह गाड़ी उपहारों से लदी होती है और इसे रेंडियर खींच रहे होते हैं। नॉर्वे के गाँवों में कई सप्ताह पहले ही क्रिसमस की तैयारी शुरू हो जाती है। वे इस अवसर पर एक विशेष प्रकार की शराब तथा लॉग केक (लकड़ी के लठ्ठे के आकार का केक) घर पर ही बनाते हैं। त्यौहार से दो दिन पहले माता-पिता अपने बच्चों से छिपकर जंगल से देवदार का पेड़ काटकर लाते हैं और उसे विशेष रूप से सजाते हैं। इस पेड़ के नीचे बच्चों के लिए उपहार भी रखे जाते हैं। क्रिसमस के दिन जब बच्चे सोकर उठते हैं तो क्रिसमस ट्री तथा अपने उपहार देखकर उन्हें एक सुखद आश्चर्य होता है। डेनमार्क के बच्चे परियों को 'जूल निसे' के नाम से जानते हैं और उनका विश्वास है कि ये पारियाँ उनके घर के टांड पर रहती हैं। फिनलैंड के निवासियों के अनुसार सांता उत्तरी ध्रुव में 'कोरवातुनतुरी' नामक स्थान पर रहता है। दुनिया भर के बच्चे उसे इसी पते पर पत्र लिख कर उसके समक्ष अपनी अजीबोग़रीब माँगे पेश करते हैं। उसके निवास स्थान के पास ही पर्यटकों के लिए क्रिसमस लैंड नामक एक भव्य थीम पार्क बन गया है। यहाँ के निवासी क्रिसमस के एक दिन पहले सुबह को चावल की खीर खाते हैं तथा आलू बुखारे का रस पीते हैं। इसके बाद वे अपने घरों में क्रिसमस ट्री सजाते हैं। दोपहर को वहाँ रेडियो पर क्रिसमस के विशेष शांति-पाठ का प्रसारण होता है।
इंग्लैंड में इस त्यौहार की तैयारियाँ नवंबर के अंत में शुरू हो जाती हैं। बच्चे बड़ी बेताबी से क्रिसमस का इंतज़ार करते हैं और क्रिसमस का पेड़ सजाने में अपने माता-पिता की सहायता करते हैं। २४ दिसंबर की रात को वे पलंग के नीचे अपना मोजा अथवा तकिये का गिलाफ़ रख देते हैं, ताकि 'फादर क्रिसमस' आधी रात को आकर उन्हें विभिन्न उपहारों से भर दें। जब वे अगले दिन सोकर उठते हैं तो उन्हें अपने पैर के अंगूठे के पास एक सेब तथा ऐड़ी के पास एक संतरा रखा हुआ मिलता है। इस अवसर पर बच्चे पटाखे भी जलाते हैं। यहाँ क्रिसमस के अगले दिन 'बॉक्सिंग डे' भी मनाया जाता है, जो सेंट स्टीफेन को समर्पित होता है। कहते हैं कि सेंट, स्टीफेन घोड़ों को स्वस्थ रखते हैं। यहाँ बाक्सिंग का मतलब घूसेबाजी से नहीं है, बल्कि उन 'बाक्स' (डिब्बों) से है, जो गिरजाघरों में क्रिसमस के दौरान दान एकत्र करने के लिए रखे जाते थे। २६ दिसंबर को इन दानपेटियों में एकत्र धन गरीबों में बाँट दिया जाता था। रूस में इन दिनों भयंकर बर्फ़ पड़ी रही होती है, फिर भी लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं आती। वे २३ दिसंबर से ५ जनवरी तक इस त्यौहार को मनाते हैं।
उत्सवों के नगर सिंगापुर में भी इस त्यौहार का विशेष महत्व है। यहाँ महीनों पहले से ही इसकी तैयारियाँ शुरू हो जाती हैं और सभी बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल में सजावट तथा रोशनी के मामले में परस्पर होड़ लग जाती है। अगर इन दिनों आप कभी सिंगापुर आएँ तो चांगी हवाई अडडे पर उतरते ही वहाँ सजे क्रिसमस ट्री देखकर आपको यह अहसास हो जाएगा कि यहाँ क्रिसमस की बहार शुरू हो गई है। हर साल यहाँ क्रिसमस के लिए कोई नई थीम ली जाती है, मसलन पिछले साल की थीम थी 'बर्फ़ीली क्रिसमस' जिसकी जगह से पूरे सिंगापुर में इस दौरान चारों तरफ़ सजावट तथा रोशनी में बर्फ़ का ही अहसास होता था। सिंगापुर की ही तरह मकाऊ तथा हांगकांग में भी हमने क्रिसमस की अनोखी सजावट देखी, जिस पर हर साल लाखों डालर खर्च किए जाते हैं। अमरीका में सांता क्लाज के दो घर हैं - एक कनेक्टीकट स्थित टोरिंगटन में तथा दूसरा न्यूयार्क स्थित विलमिंगटन में। टोरिंगटन में सांता क्लाज अपने 'क्रिसमस गाँव' में आनेवाले बच्चों को अपनी परियों के साथ मिलकर उपहार देता है। इस अवसर पर इस गाँव को स्वर्ग के किसी कक्ष की तरह सजाया जाता है। व्हाइटफेस पर्वत के निकट विलिंगटन में सांता का स्थायी घर है। इस गाँव में एक गिरजाघर तथा एक डाकघर है। यहाँ एक लुहार भी रहता है। हर साल एक लाख से अधिक लोग इस गाँव के दर्शन करने आते हैं। अमरीका में सांता क्लाज नामक एक नगर भी है, जिसमें सांता की एक २३ फीट ऊँची मूर्ति है। सांता के नाम लिखे अमरीकी बच्चों के सभी पत्र यहीं आते हैं।

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