Shankhadhvani
दुनिया में हूं दुनिया का तलबगार नहीं हूं बाजार में निकला हूं खरीदार नहीं हूं
Sunday 4 December 2011
Sadabhar Dev Anand
देवानंद नहीं रहे छोड़ गए हर द्वन्द /
जीवन का हर पल जिया ले पूरा आनंद //
ले पूरा आनंद फिक्र को धुंए उड़ाया/
नवकेतन के तले सिनेमा सत्य दिखाया //
हानि लाभ से परे कर्म को जिया शान से /
थे भारत की शान गए भी उसी आन से //
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